
चीन के मुताबिक भारत को जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत छोड़ देना चाहिए
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:

पछाडऩे के प्रयास में जुटा गौरतलब है कि चीन प्रशासित हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में महीनों तक विरोध-प्रदर्शन का दौर चला. इसके अलावा चीन में भी लोकतंत्र के समर्थन में जब-तब आवाजें उठती
रहीं हैं. दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विशेषज्ञ वेंग देहुआ के साक्षात्कार पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, चीन को हर क्षेत्र में पीछे छोडऩे को लालायित है. अंतरिक्ष अभियान से
लेकर अर्थव्यवस्था और सैन्य क्षमता में वह बीजिंग को पछाडऩे के प्रयास में जुटा है. लेख के अनुसार, भारत हमेशा चीन को संदेह की नजरों से देखता है. नई दिल्ली को लगता है कि पूर्वोत्तर में
उग्रवादियों को शह देकर चीन उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा. हालांकि, चीन किसी भी देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने का पक्षधर नहीं है. लिहाजा भारत को जरूरत से ज्यादा सोचने की
आदत छोडऩी चाहिए. भारत को बहुत गर्व है रिपोर्ट में भारत को शीत युद्ध की मानसिकता छोडऩे की सलाह दी गई है, ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जा सके. वेंग ने कहा, जिस लोकतंत्र पर भारत
को बहुत गर्व है वही उसके विकास के लिए बोझ बन गया है. कोई भी बड़ा निर्माण शुरू होने पर विपक्षी पार्टियां या अन्य समूह विरोध में लामबंद हो जाते हैं. ऐसे में परियोजना का विकास बाधित हो जाता है.
रिपोर्ट में भ्रष्टाचार को भी बड़ी समस्या करार दिया गया है. Hindi News from World News Desk