बाजार समिति प्रांगण में प्रशासन ने भारी मात्रा में जब्त किया अवैध खाद्यान्न - बाजार समिति प्रांगण में प्रशासन ने भारी मात्रा में जब्त किया अवैध खाद्यान्न - bihar  madhubani  general news

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मधुबनी। झंझारपुर अनुमंडल प्रशासन ने नाक के नीचे चल रहे अवैध खाद्यान कालाबाजारी का पर्दाफाश किया है। गुप्त सूचना के आधार पर एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी एवं एमओ सुमीत कुमार ने स्थानीय बाजार समिति


प्रांगण के ओपेन प्लेटफार्म पर दो स्थलों पर छापामारी की। एक प्लेटफार्म को घेरकर पवन नायक नामक व्यक्ति और दूसरे प्लेटफार्म को घेरकर श्रवण साह नामक व्यक्ति ने ओपेन प्लेटफार्म पर अवैध कब्जा कर


अवैध खाद्यान्न का भंडारण कर रखा था। यह छापेमारी सोमवार रात के करीब नौ बजे की गई। पवन नायक मधेपुर का निवासी है और इससे पूर्व भी मधेपुर में उसके गोदामों पर प्रशासन के द्वारा कई बार छापामारी की


गई है और उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। श्रवण साह झंझारपुर नगर पंचायत का निवासी है। रात में छापामारी के बाद प्रशासन ने खाद्यान्न को झंझारपुर थाना पुलिस की देखरेख में


रखा और सुबह मधेपुर के एमओ सुजीत कुमार को दंडाधिकारी बनाया गया। दंडाधिकारी एवं पुलिस बल के नेतृत्व में झंझारपुर एमओ सुमित कुमार ने ताला तोड़ा और समाचार प्रेषण तक यहां बोरों की संख्या की गिनती


और जब्त चावल एवं गेहूं का माप किया जा रहा था। चावल देखने से ही सरकारी चावल प्रतीत होता है, ऐसा दावा एमओ सुमीत कुमार ने किया। श्रवण साह के गोदाम में रखे खाद्यान्न का भी माप होगा। एसडीओ ने


बताया कि वजन मापी के बाद सभी खाद्यान्न झंझारपुर प्रखंड के एक डीलर शैलेंद्र मिश्र को जिम्मेनामा पर सुपुर्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संभवत: दोनों गोदाम मिलाकर बोरों की कुल संख्या सात सौ से


भी अधिक हो सकती है। बताया कि ओपेन प्लेटफार्म पर गोदाम बनाने का नियमन नहीं है। दूसरी बात, बार बार सूचना देने के बाद भी गोदाम के मालिक खाद्यान्न से संबंधित कोई इन्वायस या अन्य कागजात प्रस्तुत


नहीं कर सके हैं। सूत्र बताते हैं कि डीलर के यहां से पांच से दस बोरा खाद्यान्न इन थौक खरीददारों के गोदाम में टेंपो से बोरा बदलकर भेजा जाता है और रास्ते में किसी के पूछने पर टेंपो पर बैठा


व्यक्ति उक्त खाद्यान्न को निजी बता कालाबाजारी करता है। इस पूरे प्रकरण की अगर सही दिशा में जांच हो तो अनुमंडल में बड़े स्तर पर कालाबाजरी करने वाले माफियाओं को कानून के शिकंजा में लाया जा सकता


है।