
Amazing! हमारी सोच से कहीं आगे की है ये बात, शायद ही होगा आपको विश्वास -
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नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। इंटरनेशनल एस्ट्रॉनॉटिकल कांग्रेस में स्पेस एक्स के संस्थापक एलोन मस्क ने फ्यूचर ट्रेवल का खाका कुछ दिनों पहले खींचा है वह न सिर्फ अपने आप में बेहद
क्रांतिकारी कदम है बल्कि इससे स्पेस ट्रेवल की तस्वीर भी बदली जाएगी। मुमकिन है कि स्पेस ट्रेवल की परिभाषा भी नई सिरे से लिखी जाए। यह स्पेस शिप इंसान को मंगल और चांद की सैर करवा सकेगा।
इसके अलावा इससे दुनिया में कहीं भी अधिकतम एक घंटे में पहुंचा जा सकेगा। यह बेहद हाईस्पीड रॉकेट होगा जो इंसानी सोच के दायरे से निकलकर रफ्तार पकड़ेगा। यह धरती से दूर इंसानी बस्तियां बसाने के
उस सपने को भी साकार करेगा जो वर्षों से इंसान देखता आ रहा है। भले ही यह अभी दूर की कौड़ी है लेकिन भविष्य के गर्भ में छिपे इस सफर में रोमांच अभी से ही भरपूर है। भविष्य के स्पेस ट्रेवल को
बदल देगा बीएफआर The BFR को स्पेस एक्स इस लिहाज से बना रहा है कि इससे न सिर्फ मंगल पर जाया जा सकेगा बल्कि दुनिया में किसी भी दूरी को अधिकतम एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा। वहीं इसका
इस्तेमाल चांद पर जाने में भी किया जा सकेगा। यह इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि इंसान भविष्य में पृथ्वी से दूर बस्तियां बसाने की फिराक में लगा हुआ है उसमें यह काफी सहायक साबित होगा। इसकी एक
बार शुरुआत होने के बाद स्पेस एक्स अपने सभी रॉकेट को इससे बदल देगा। लेकिन यह सब कुछ इसकी लागत और इसके खर्च पर भी निर्भर करेगा। सबसे शक्तिशाली होगा बीएफआर स्पेस एक्स ने बिग फकिंग रॉकेट को
अपने फॉलकन 9, फॉलकन हैवी और ड्रेगन से भी शक्तिशाली बनाने की योजना बनाई है। यह अंतरग्रही या इंटरप्लानेटरी ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए होगा और इस मिशन को नई रफ्तार भी देगा। इसके सामने अभी तक
के सभी रॉकेट बौने साबित होंगे, फिर चाहे वह सेटर्न वी अपोलो शिप क्यों न हो। यह अपने साथ ज्यादा वजन ले जा सकेगा। यह भी पढ़ें: हुर्रे! अब महज आधे घंटे में पूरा होगा दिल्ली- से टोक्यो तक का
सफर यह भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता के नाम पर ये देश कर रहे हैं भारत के साथ धोखा दोबारा इस्तेमाल किए जा सकेंगे इसके ज्यादातर हिस्से इसकी बड़ी खासियतों में से एक यह भी
होगी कि एक मिशन के बाद भी इसकी ज्यादातर चीजों को दोबारा मिशन के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। यही वजह है कि यह अन्य रॉकेट और मिशन की तुलना में कहीं अधिक सस्ता होगा। वहीं यदि फॉलकन 9 से
इसकी तुलना की जाए तो भी यह कहीं अधिक सस्ता और टिकाऊ होगा क्योंकि इसको लैडिंग के समय में भी दो इंजन की ही जरूरत होगी। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे कोई हवाई जहाज जमीन पर अपनी लैंडिंग करता है।
यह भी पढ़ें: किम को सबक सिखाने चीन ने लिया बड़ा फैसला, कोरियाई कंपनियो का पत्ता साफ बीएफआर में होंगे बूस्टर और स्मॉल विंग्स बीएफआर में बूस्टर लगे होंगे और इसकी अपर स्टेज फॉलकन 9 की तरह
और ड्रेगन कैपसूल की तरह होगी। इसमें डेल्टा या फिर इसके स्माल विंग्स रॉकेट के पीछे की तरफ होंगे। यह रॉकेट को गति देने के अलावा धरती और मंगल के बीच बदलते वातावरण के हिसाब से काम करेंगे।
बीएफआर की खासियत यह रॉकेट 106 मीटर ऊंचा या 348 फीट ऊंचा और करीब 9 मीटर या 30 फीट के करीब चौड़ा होगा। यह अपने साथ करीब 150 टन वजन को लेकर जा सकेगा इसके अलावा यह करीब करीब 50 टन वजन के साथ
धरती पर वापस भी आ सकेगा। यह रॉकेट मौजूदा समय में फॉलकन हैवी से भी ज्यादा बेहतर होगा। फॉलकन हैवी मौजूदा समय में महज 30 टन सामान ले जाने लायक ही है। बीएफआर में बने केबिन किसी भी A-380 विमान के
केबिन ज्यादा बड़े होंगे। इसमें इस तरह के करीब 40 केबिन होंगे और एक कॉमन एरिया होगा। इन सभी के अलावा स्टोर, गैलरी भी होगी। यह न सिर्फ भविष्य के स्पेस स्टेशन के साथ अटैच हो सकेगा बल्कि
कहीं भी स्मूथ लैंडिंग कर पाने में सहायक होगा। यह भी पढ़ें: किम ने रची अब तक की सबसे 'खतरनाक' साजिश; अमेरिका ही नहीं, दुनिया को खतरा