
बैलेंस ग्रोथ के लिए जिला स्तर पर इकोनॉमिक इंजन की आवश्यकता : जोहो सीईओ
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:

घरेलू क्लाउड सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने शनिवार को कहा कि बैलेंस्ड ग्रोथ के लिए भारत को जिला स्तर पर इकोनॉमिक इंजन की आवश्यकता है। Advertisment अपने आप को एक्सपेरिमेंटल
इकोनॉमिस्ट मानते हुए उन्होंने कहा कि हर शहर या जिले का अपना एक इकोनॉमिक इंजन होना चाहिए। इससे देश में आर्थिक समृद्धि तेजी से बढ़ेगी। वेम्बू ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा
कि मैं हमेशा पूछता हूं कि किसी रीजन की ओर से पूरी दुनिया से कुछ सामान खरीदने के बदले में क्या बेचा जा रहा है और जो सामान हम किसी रीजन से पूरी दुनिया को बेचेंगे वो उस रीजन का इकोनॉमिक इंजन बन
जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक इंजन के जरिए आप आसानी से जान सकते हैं कि कौन-सा रीजन कितना समृद्ध है। हम इकोनॉमिक इंजन से हुई आय को रीजन के लिए वैल्यू एडिशन मान सकते हैं। उन्होंने
उदाहरण देते हुए कहा कि जोहो, तमिलनाडु के तेनकासी इलाके के लिए हर साल 100 मिलियन डॉलर की वैल्यू ऐड करता है। इस जिले की आबादी करीब 14 लाख है। ऐसे में जोहो का इस इलाके के लिए योगदान जिले स्तर
पर 70 डॉलर प्रति व्यक्ति का है। वेम्बू ने जोर देते हुए कहा कि हमें पूरे भारत में ऐसे ही इकोनॉमिक इंजन की आवश्यकता है। हमारे पास 800 से ज्यादा जिले हैं और इससे पूरे देश में समान विकास हो सकता
है। अगर ग्रामीण जिले के इकोनॉमिक इंजन के जरिए 1,000 डॉलर की प्रति व्यक्ति वैल्यू भी ऐड कर पाते हैं तो वे समृद्ध हो जाएंगे। क्षेत्र अपने इकोनॉमिक इंजन से पूरी दुनिया को जो निर्यात करता है
उससे प्रति व्यक्ति वैल्यू ऐड होता है, इससे इकोनॉमिक इंजन के प्रभाव को भी मापा जा सकता है। डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की
कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी. Source : IANS