
Kulbhushan jadhav case: icj to hear india’s plea for suspension of death penalty today | icj में कुलभूषण जाधव की कानूनी पैरवी करेंगे हरीश साल्वे, 8 पॉइंट्स में जानिए पूरी खबर
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* Hindi * India Hindi * Kulbhushan Jadhav Case Icj To Hear Indias Plea For Suspension Of Death Penalty Today भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1.30 बजे यह सुनवाई शुरू होगी. नई दिल्ली. भारत और
पाकिस्तान सोमवार को करीब 18 साल बाद एक बार फिर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में आमने-सामने होंगे. भारत पूरी दुनिया के सामने कुलभूषण जाधव (46) की बेगुनाही का सुबूत रखेगा. यह
साबित करेगा कि जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी के झूठे मामले में कैसे फंसाया. पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने पिछले महीने जाधव को मौत की सजा सुनाई है. इससे पहले 1999 में पाकिस्तानी नौसैनिक विमान को
मार गिराने के मामले में दोनों देश इस न्यायालय में आमने-सामने आए थे. संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक निकाय आईसीजे, सोमवार को नीदरलैंड के हेग स्थित पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में इस
मामले की सार्वजनिक सुनवाई करेगा. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) आज कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई करेगा. बता दें कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के आरोप में कुलभूषण जाधव को मौत की
सजा सुनाए जाने के खिलाफ भारत ने पिछले सप्ताह आईसीजे से संपर्क किया था. भारत ने 8 मई को इस अंतरराष्ट्रीय अदालत में याचिका दायर की थी. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन
कर उसके पूर्व नौसैनिक अधिकारी से राजनयिक संपर्क के आवेदन को लगातार 16 बार खारिज कर दिया. इसके अलावा पाकिस्तान ने जाधव के परिवार के वीजा आवेदन का भी कोई जवाब नहीं दिया. खबर से जुड़े ये है 8
अहम पॉइंट्स -ये सुनवाई भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे शुरू होगी. पहले भारत अपना पक्ष रखेगा उसके बाद शाम साढ़े छह बजे पाकिस्तान के वकील अपनी बात रखेंगे. -इस केस में भारत की पैरवी जाने-माने
वकील हरीश साल्वे करेंगे. हरीश साल्वे भारत के सबसे बड़े वकीलों में से एक है. -पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक मदद मुहैया कराने के आग्रह को 16 बार इनकार कर दिया, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
है. -बीते 10 अप्रैल को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी और देशद्रोह के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई थी. -भारत ने कहा है कि कुलभूषण जाधव पूर्व नेवी अधिकारी और बिजनेसमैन हैं
जिन्हें ईरान से गिरफ्तार किया गया है जबकि पाकिस्तान का कहना है कि उन्होंने कुलभूषण को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया है. -पूरे मामले को विएना कन्वेंशन का उल्लंघन बताते हुए भारत ने 8 मई को
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में याचिका दी थी. अपनी याचिका में भारत ने भी ये भी कहा है कि लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से भारतीय राजनयिकों को नहीं मिलने दिया. भारत कि ये भी दलील
है कि कुलभूषण जाधव को फांसी की जानकारी उसे एक प्रेस रिलीज के जरिए दी गई. -इससे पहले भारत और पाकिस्तान 18 साल पहले इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने आए थे. 10 अगस्त, 1999 भारतीय वायु सेना ने
कच्छ क्षेत्र में पाकिस्तानी नौसेना के विमान ‘अटलांटिक’ को मार गिराया था. विमान में सवार सभी 16 नौसैनिक कर्मी मारे गए थे. -इसके बाद पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि नौसैनिकों को उसके ही
क्षेत्र में मारा गया है, लिहाजा उसने भारत से छह करोड़ अमेरिकी डॉलर के हर्जाने की मांग की थी. 21 जून, 2000 को अदालत की 16 सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान के दावे को 14-2 के बहुमत से खारिज कर दिया
था. बता दें कि, नौसेना अधिकारी जाधव को कथित तौर पर बलूचिस्तान से मार्च 2016 में गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान का कहना है कि जाधव रिसर्च एंड एनेलिसिस विंग (रॉ) के लिए काम करते थे. भारत ने
इस मामले में कड़े रुख इख्तियार कर लिए है. इसके चलते उन्होंने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है. भारत को उम्मीद है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस से उसे इन्साफ मिलेगा और जाधव को मिली मौत की सजा रद्द
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