
जर्जर हैं भवन खुले में नौनिहाल
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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Fri, 30 Jan 2015 07:01:07 (IST) अंदर बैठने पर भवन के टूटने का सताता रहता है खतरा बाहर खुले में बैठने पर शीत लहर सता रही है बच्चों को फीरोजाबाद : सर्द हवाओं के
बीच में नौनिहाल खुले आसमां के नीचे पढ़ने के लिए विवश हैं। जिस मौसम में अभिभावक बच्चों को घर से बाहर नहीं भेजते, उस मौसम में परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए खुला आसमां ही छत है। वजह है जिन
भवनों में स्कूल चल रहे हैं, उनकी छत गिरासू हाल में पहुंच गई है, ऐसे में यह बच्चे खुले आसमां के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं। गुरुवार को धूप निकलने से कुछ राहत रही, लेकिन पिछले दिनों की
शीत लहर खुले आसमां के नीचे पढ़ते हुए इन बच्चों ने कैसे बिताई है, यही जानते हैं। जर्जर भवन विभाग के लिए ¨चता बन रहे हैं तो नौनिहालों के लिए खतरा। टूंडला में बुधवार को एक स्कूल की छत का
प्लास्टर गिरने से हादसा होते-होते बचा है। इधर नगर क्षेत्र में भी कई स्कूलों में यही हाल है। यहां तो स्थिति यह है शीत लहर में भी बच्चों को भवन के अंदर बैठाने का खतरा शिक्षक मोल नहीं उठाते।
धूप आए तो भी बच्चों को दीवारों से दूर बीच में बैठाया जाता है। खुद बच्चे भी धूप के लिए दीवारों के निकट जाने से डरते हैं, कहीं दीवारों की ईंट निकल कर नहीं गिर जाए। सर्द कोहरे के बीच भी पिछले
दिनों बच्चों ने आसमान के नीचे बैठ कर पढ़ाई की। घर में बंद कमरे में बैठने वाले शिक्षक भी यहां खुले में कुर्सी डालकर बैठने के लिए मजबूर हैं। इसकी वजह है शीतकालीन अवकाश खत्म हो चुके हैं, लेकिन
शीतलहर अभी जारी है। प्राथमिक स्कूल हुंडावाला मंदिर : स्कूल में खुले में मेज-कुर्सी रखी हुई है तथा सामने ही जमीन पर आठ-दस छात्र-छात्राएं बैठे हुए हैं। इसके बगल में दीवारों में से ईंट उखड़ते
हुए नजर आ रही है तो अंदर का कक्ष जर्जर हाल में पहुंच गया है। स्कूल में पहुंचने पर बच्चे ब्लैक बोर्ड से काम कर रहे थे। शिक्षक ने बच्चों को खुले में बैठाने के पीछे बताया कि भवन जर्जर है, ऐसे
में खतरा मोल नहीं ले सकते। आज तो धूप में कुछ राहत है। कल (बुधवार) को तो ठंड में बच्चों को ऐसे ही बैठना पड़ा। प्राथमिक स्कूल माता वाला बाग : सर्दी हो या गर्मी। इस स्कूल के बच्चों के लिए भी छत
खुला आसमान है। सर्दी में धूप निकलती है तो धूप पाने के लिए धूप के साथ बच्चे आंगन में यहां से वहां चलते हैं तो गर्मी में धूप से बचने के लिए आंगन में छायादार स्थान खोजते हैं। शिक्षिकाओं का
यहां भी यही दर्द है कि जर्जर होते भवन में अंदर बच्चों को कैसे बैठाएं। यहां तो सर्दी में भी पेड़ के नीचे : प्राथमिक स्कूल सुखमलपुर निजामाबाद। यहां पर बच्चे पेड़ के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर
रहे हैं। इस स्कूल में कक्ष हैं, लेकिन छात्र संख्या इतनी अधिक है कि कई क्लास बाहर पेड़ के नीचे ही खुले में लगती हैं। शिक्षक भी सर्दी में पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं।