हाईटेक चीटर कंपनी

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- लोन विज्ञापन के माध्यम से ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश - करीब दो सौ लोगों को बना चुके हैं ठग अपना शिकार - आठ साल में करोड़ों रुपये के बन गए मालिक - एचडीएफसी और एसबी आई बैंक में खुलवा रखे


हैं फर्जी एकाउंट Meerut: क्या आपको लोन की आवश्यकता है, तो टेंशन किस बात की, हम आपको लोन मुहैया कराएंगे वो भी बिना शर्त के। तो देर किस बात की। आइए हमें फोन कीजिए और लोन पास कराकर अपने सपनों


को करिए साकार। कुछ इस तरह का ही झांसा देकर फर्जी कंपनियां लोगों को चूना लगाती हैं। जी हां कुछ इस तरह से जाल में फंसाकर करोड़ों रुपये ठगने वाली चीटर कंपनी का मेरठ पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।


पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने इनके पास से एटीएम कार्ड, फोटो पहचान समेत, फर्जी आईडी पर लिए गए मोबाइल नंबर भी बरामद किए हैं। दो आरोपी गिरफ्तार, कई अभी फरार मेरठ


क्राइम ब्रांच ने दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि इस गैंग से जुड़े उच्च शिक्षा प्राप्त कई शातिर बदमाश फरार हैं। एसएसपी ओंकार सिंह ने बताया कि पुलिस ने नीरज चौहान उर्फ राज पुत्र स्व।


बाबू लाल निवासी ब्0ख् टैगोर गार्डन थाना राजौरी गार्डन दिल्ली और अमित शर्मा उर्फ विक्रम उर्फ विवेक त्यागी पुत्र गोविंद प्रसाद शर्मा निवासी 7 पुरा रामा देवी नर्सिग होम के पास पिलखुआ हापुड़ को


गिरफ्तार कर लिया है। अन्य बदमाशों की तलाश में पुलिस ने बदमाशों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। दूसरे राज्य के लोग निशाने पर बदमाशों ने अपने निशाने पर लोकल लोगों को नहीं रखा बल्कि


दूर दराज के लोगों को ही चूना लगाया। उन्हें मालूम था कि यहां के लोगों के साथ फ्रॉड किया जाएगा तो जल्द ही पकड़ में आ जाएंगे और धंधा भी चौपट हो जाएगा। इसके लिए बदमाशों तमिलनाडू, कर्नाटक,


चेन्नई, हैदराबाद, गुजरात, मुम्बई, हरियाणा के समाचार पत्रों और वेबसाइट जस्ट डायल पर लोन के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया। इसके माध्यम से लोगों को सूचना दी गई कि आप बिना शर्त के पचास हजार रुपये


से लेकर करोड़ों रुपये तक के लोन प्राप्त कर सकते हैं। जो लोग विज्ञापन के माध्यम से संपर्क में आते थे उनका टोपी पहनाने में ये बदमाश कामयाब होते थे। पैसे डलवाओ लोन पास हो जाएगा विज्ञापन में दिए


गए नंबरों के माध्यम से जरूरतमंद लोग बदमाशों को फोन करके लोन की जानकारी प्राप्त करते थे। तभी चीटर जरूरतमंद लोगों से अपनी एक शर्त रखते थे कि कंपनी से लोन पास कराने के लिए कुछ औपचारिकताएं पूरी


करनी होगी। इसके लिए पंद्रह सौ से तीन हजार रुपये अपने फर्जी बैंक एकाउंट में जमा करा लेते थे। उस पैसों को तुरंत ही एटीएम से निकाल लेते थे। अगले दिन उस व्यक्ति को लोन पास होने की जानकारी


मोबाइल नंबर पर कॉल करके देते थे। इसके पास प्रोसेसिंग फीस पांच से दस हजार रुपये अलग से एकाउंट में जमा करा लेते थे। इतना ही नहीं फिर कंपनी का एक सदस्य फील्ड ऑफिसर बनकर संबंधित पार्टी की


संपत्ति का सर्वे करने के लिए जाता था। यहां भी निरीक्षण करने के बाद चार से पांच हजार रुपये वसूली कर लेते थे। बदल देते थे ठिकाना पार्टी का पैसे लेने के बावजूद ये बदमाश कागजातों में कमी बताकर


लोन देने से अपना पल्ला झाड़ लेते थे। पार्टी द्वारा मोबाइल पर धमकी देने के बाद ये बदमाश अपना ठिकाना ही बदल देते थे। पिछले आठ साल में बदमाशों ने अपने तीन राज्य में अपने ऑफिस बनाए। जो भी लोग


फोन करके पैसे लेने के बाद लोन नहीं देने की बात पूछा करते थे तो उनका जवाब देते थे कि उन्हें लोन में घाटा हो गया है, इसलिए लोन पास नहीं किया जा सकता। मेरठ में भी शुरू किया धंधा मेरठ में भी


बदमाशों ने अपना ऑफिस खोलकर ठगी का धंधा शुरू कर दिया। करीब दस साल से ठगी करने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड नीरज ने शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट में अपना ऑफिस धनवर्षा फाइनेंस कंपनी के नाम


से खोल लिया। उन्होंने संजय शर्मा के नाम से फर्जी बैंक एकाउंट भी एसबीआई की गढ़ रोड स्थित ब्रांच और वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित एचडीएफसी की ब्रांच खुलवाया। ट्रांसपोर्टर को लगाई चपत समाचार पत्र


के विज्ञापन के माध्यम से चेन्नई के ट्रांसपोर्टर और शिपिंग कंपनी के मालिक एसके कुमार ने दस करोड़ रुपये का लोन मांगा तो नीरज ने तुरंत लोन देने के लिए मंजूरी कर दी। इसके लिए बदमाशों ने फाइल


चार्ज, प्रोसेसिंग चार्ज और लोन जल्दी पास कराने के लिए एकाउंट में 9,7म्000 हजार रुपये एकाउंट में डलवा लिए। पैसे आने के बाद नीरज ने फोन बंद कर दिया। विज्ञापन में प्रकाशित हुए पते सेंट्रल


मार्केट में जब एसके कुमार पहुंचे तो ऑफिस बंद मिला। इसके बाद बदमाशों ने अपना ऑफिस गंगा प्लाजा में खोल लिया। दो सौ लोगों को बनाया शिकार पुलिस की माने तो बदमाश दो सौ लोगों को अभी तक अपना निशाना


बना चुके हैं। जो भी धनराशि आती थी उसको बदमाश आपस में बांट लिया करते थे। कुछ पैसे अपना किराए पर ऑफिस लेने के लिए सुरक्षित भी रख लिया करते थे। अभी कई कंपनी और निशाने पर देश में बड़े पैमाने पर


फर्जी फाइनेंस कंपनी चल रही है। ऐसे में मेरठ में भी कई लोगों ने ये धंधा बना लिया है। एसएसपी ओंकार सिंह ने सभी थानों से फर्जी लोन के द्वारा ठगे गए लोगों के मुकदमों की सूची मांग ली है। धूल


फांकती फाइलों पर अब पुलिस वर्क करके केस सॉल्व कर बदमाशों को पकड़ने की कोशिश करेगी।