
भाभी का गला रेत देवर ने चुनी मौत
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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Tue, 10 Jul 2012 22:20:00 (IST) मिर्जापुर अपने मायके में थी भाभी 'मेरे देवर अजय उर्फ बुद्धू रविवार को मेरे मायके आए। मेरा मायका मिर्जापुर के कल्याणपुर गांव
में है। कल सोमवार को वह सुबह खा कर कहीं चले गए और रात में लौटे। रात में मैं अपनी मां के साथ सोई थी। रात में मुझे गले से दर्द हुआ। कोई मेरा मुंह पकड़े हुए थे। मुझे फिर कुछ याद नहीं। क्या
हुआ? मेरा मुंह कौन पकड़े था? कुछ पता नहीं। जब होश आया था यहां अस्पताल में पड़ी थी। मेरे पास कोई नहीं था। डाक्टर ने भी कुछ नहीं बताया मैं यहां कैसे पहुंची। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ था मेरे
साथ?' अजीबो गरीब है ये कहानी ये बयान है उस गीता (35) के जिसकी शादी करीब 18 साल पहले बड़ागांव के बसनी निवासी राजकुमार के साथ हुई थी। मंगलवार की सुबह गीता और उसके देवर अजय उर्फ बुद्धू
(26) को एक साथ कुछ लोग कबीरचौरा स्थित मंडलीय हास्पिटल लेकर पहुंचे। गीता का गला काटने की कोशिश की गयी थी। जबकि अजय के बारे में लोगों ने बताया कि उसने जहर खा लिया है। किसने गला काटा? इस सवाल
के जवाब में साथ आए लोगों ने सिर्फ यही बताया कि देवर अजय ने पहले जहर खा लिया फिर गीता का गला काटने की कोशिश की। पास सोई गीता की मां ने जब शोर मचाया तो उसकी जान बची। ऐसा क्यों किया अजय ने?
इसका जवाब कोई नहीं देना चाहता था। अजय ने तोड़ दिया दम हॉस्पिटल पहुंचने के साथ ही बेहोश अजय कुछ भी बता पाने पहले ही दम तोड़ बैठा। इसके बाद उसके साथ आए लोग कहां गए, किसी को कुछ नहीं पता।
हॉस्पिटल वालों ने अजय की डेडबॉडी मर्चरी में रखवा दी। इधर, गीता की हालत नाजुक देख उसे शुरूआती ट्रीटमेंट दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि वह खतरे के बाहर है। दोपहर 2 बजे तक गीता के पास कोई नहीं
था। गीता का बयान भी अजीबो-गरीब था। उसने साफ कहा कि अजय ने ऐसा क्यों किया उसे नहीं पता। यहां तक की उसने इस बात से भी इंकार किया अजय से उसकी कोई खुन्नस या दुश्मनी थी। पति ने कर लिया है किनारा
गीता ने पूछताछ में आई नेक्स्ट को बताया कि बसनी में उसका ससुराल है। पति राजकुमार उसके साथ नहीं रहते। उसके पांच बच्चे हैं जिसमें सबसे बड़ी बेटी है जिसकी पिछले साल ही शादी की गयी है। इसके बाद
चार बेटे हैं जिन्हें लेकर उसके पति राजकुमार सूरत में रहते हैं बहुत कम घर आते हैं। गीता ने ये भी कहा कि वह काफी दिनों से अपने मिर्जापुर कछवां एरिया के कल्याणपुर स्थित अपने मायके में ही रह रही
थी। अजय दो दिन पहले उससे मिलने आया था। उसने ऐसा किया तो क्यों किया ये नहीं पता। पुलिस को है रिश्तों पर शक गीता और अजय के हास्पिटल पहुंचने के बाद पहुंची कछवां पुलिस ने बताया कि इस घटना में
उसे गीता और अजय के रिश्तों पर शक है। इस बारे में गीता के पिता लवधर प्रसाद का बयान भी चौंकाने वाला है। उन्हें अजय का घर आना पसंद नहीं था। अजय आने के बाद से गीता को अपने घर ले जाने की जिद पर
अड़ा था जबकि गीता उसके साथ जाने को तैयार नहीं थी। इसको लेकर रविवार को ही कुछ कहा-सुनी हुई थी। रात में उसने कब जहर खाया और कब गीता के कमरे तक पहुंचा, ये किसी को पता नहीं चला। गीता के
घुटी-घुटी आवाज सुन बगल में सोई उसकी मां की नींद टूटी और तब जाकर गीता की जान बची। उसी वक्त अजय ने बताया कि वह जहर खा चुका है। आनन-फानन में दोनों कके गांव वालों की मदद से पास के एक डाक्टर के
यहां ले जाया गया। डाक्टर ने दोनों को वाराणसी ले जाने की सलाह दी। घर वालों ने काट ली कन्नी अजय और गीता की इस चौंकाने वाली स्टोरी में दोनों के घर वाले कन्नी काटते नजर आए। कोई भी दोपहर में वहां
मौजूद नहीं था। सुबह जो लोग साथ आए भी दे, वो अजय की मौत के बाद खिसक लिए। यहां तक की अजय की फैमिली के लोगों की भी खोजबीन चलती रही मगर कोई शाम तक नहीं दिखा। मानो सभी मीडिया और पुलिस के सवालों
से बच रहे हो।