
Millennialsspeak : बरेली में #raajnitea वादा करने वाली नहीं बल्कि उस पर अमल करने वाली हो सरकार
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आज की डिबेट: अग्रसेन पार्क, रामपुर गार्डेन. समय दोपहर-3:30 बजे [email protected]: कई लोकसभा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हो चुकी है. बाकी बचे प्रत्याशियों की लिस्ट भी जल्द ही जारी
हो जाएगी. प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरकर वोटर्स को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस बार वोटर्स चुनाव को लेकर जागरूक है. यूथ अपने एजेंडे के आधार पर ही प्रत्याशी को वोट को करेगा. यूथ का
कहना है कि सिर्फ वादे करने वाली नहीं बल्कि उस पर अमल करने वाली सरकार चाहिए. सैटरडे को मिनी बाईपास रोड स्थित कैंडिड एकेडमी में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और रेडियो सिटी की तरफ से आयोजित राजनी-टी
डिबेट में स्टूडेंट्स ने अपने विचार रखे. स्टूडेंट्स ने कहा कि देश में शिक्षा, करप्शन, आरक्षण और महिला सिक्योरिटी को प्राथमिकता देने वाले को ही वोट करेंगे. साथ ही कहा कि वह ध्यान रखेंगे उनका
चुना हुआ नेता साफ छवि वाला हो. आरक्षण से बढ़ रहा जातिवाद डिबेट में चर्चित वर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा के स्तर में सुधार हो, जिससे की सभी को अच्छी एजुकेशन मिल सके. देव ठाकुर ने
कहा कि हमारे देश की मातृ भाषा हिन्दी है, लेकिन हमारे देश में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. सरकार प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट में हिन्दी संस्थान ओपन करे. मातृ भाषा को
बढ़ावा दे ताकि हमारी युवा पीढ़ी भी उसकी तरफ बढ़े न कि अंग्रेजी की तरफ. इसके साथ ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाली हो. रिश्वत न देंगे न लेंगे आलोक ठाकुर ने कहा कि देश में करप्शन खत्म होना
चाहिए, लेकिन इसके लिए हम सभी को आगे आना होगा तभी करप्शन खत्म होगा. हम सभी को तय करना होगा कि हम न तो रिश्वत देंगे और न रिश्वत लेंगे, तभी करप्शन खत्म होगा. हिमानी सिंह ने कहा कि अब आरक्षण
खत्म होना चाहिए. क्योंकि जब आरक्षण लागू हुआ था तब तय हुआ था कि समय के साथ इस पर बदलाव किया जाएगा. आरक्षण जातिगत जो दिया जा रहा है वह गलत है. आरक्षण सिर्फ उन्हीं को लोगों को मिल पाता है जो
संपन्न भी हैं. बेसिक एजुकेशन में हो सुधार स्वाति वर्मा ने कहा कि हमारे यहां शिक्षा के सिस्टम में सुधार की जरूरत है. हम एमबीए और बीबीए के लिए सरकारी कॉलेज ही चुनते हैं पर प्राइमरी एजुकेशन के
लिए प्राइवेट स्कूल चुनते है. सचिन ने कहा कि यह बात बिल्कुल सही है कि हमारे यहां पर बेसिक टीचर पढ़ाने वाले भी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं. इसे सुधारने के लिए सरकार को रूल्स बनाने चाहिए. जो
सरकारी एम्प्लॉय होगा, वह अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाएगा. इससे शिक्षा का स्तर अपने आप ही सुधर जाएगा. बेरोजगारी बड़ा संकट निशी गंगवार ने कहा कि हायर एजुकेशन लेने के बाद ही जॉब मिलना
चाहिए. साथ ही महिला सुरक्षा के लिए सरकार को कड़ा कानून बनाना चाहिए. सरकार को चाहिए कि वह कॉलेजेस में ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग कराए ताकि गर्ल्स सेल्फ डिपेंड बन सके. इसके साथ सभी स्कूल्स
में मोरल एजुकेशन की व्यवस्था होनी चाहिए. स्किल्ड बेस्ड मिले एजुकेशन यामिनी चौरसिया ने कहा कि सरकार को स्किल बेस्ड एजुकेशन देना चाहिए. बेरोजगारी में कमी लाई जा सके. शकील ने कहा कि सरकार स्किल
बेस्ड एजुकेशन पर जोर तो देर रही है, लेकिन हमारी सरकार तो जोर दे रही है लेकिन उसका स्टूडेंट्स को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. रीजन बेरोजगारी बढ़ रही है. वुमेंस केा मिले सिक्योरिटी वीरपाल ने
कहा कि महिला सिक्योरिटी भी अहम मुद्दा है, क्योंकि महिला सिक्योरिटी के लिए सरकार काम तो कर रही है लेकिन प्रभावी नहीं है. इसीलिए आज भी महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती है. पूनम ने
कहा कि हां यह बात सही है कि महिला सिक्योरिटी के लिए कानून तो बहुत बने हैं, लेकिन उनको प्रभावी उतना नहीं हो पाए जितना होना चाहिए. हिमानी ने कहा कि महिला सिक्योरिटी पर सरकार को कड़ा कानून और
उस कानून को फॉलो करने की जरूरत है. मेरी बात शिक्षा के सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है. साथ ही रोजगार के ऑपशन बढ़ाए जाएं ताकि देश में बेरोजगारी कम हो सके. शिक्षा की हालत सुधर जाएगी तो
बेरोजगारी में कमी जरूर आएगी. आज कल हम देखते हैं जो सरकारी टीचर्स हैं वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल से दूर रखते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि वह स्कूल में क्या पढ़ाते हैं. दीक्षा शर्मा
--------------------- कड़क बात डिबेट के दौरान आरक्षण खत्म करने का मुद्दा छाया रहा. उनका कहना था कि आरक्षण से जाति के हिसाब से जो दिया जा रहा है इससे लगता है कि सरकार भी जातिवाद को बढ़ावा दे
रही है. स्टूडेंट्स का कहना था कि आरक्षण जब तक खत्म नहीं होगा तब तक जातिवाद भी खत्म नहीं होगा. इसीलिए जातिगत आरक्षण को तो बिल्कुल खत्म करना चाहिए. सतमोला खाओ कुछ भी पचाओ डिबेट में आरक्षण को
लेकर अधिकांश का मत था कि महिला सुरक्षा तभी हो सकती है, जब सरकार कुछ करे. कुछ स्टूडेंट्स का कहना था कि सरकार को तो सिर्फ कानून का कड़ाई से पालन करा सकती है लेकिन इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह
कॉलेजेस में मोरल डेवलपमेंट की क्लासेस लगवाए. स्टूडेंट्स में स्कूल टाइम में ही अच्छे संस्कार आ सकें. स्टूडेंट्स की बात ================== सरकारी स्कूल्स और निजी स्कूल्स में जो अंतर है, वह
खत्म होना चाहिए. सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को निजी स्कूल में नहीं पढ़ा पाते है. सरकारी स्कूल में वह अपने बच्चों को भेजने में भी हीन भावना भी महसूस करते हैं. पूनम ---------------------- इस समय
हम सभी के लिए देश की सिक्योरिटी अहम मुद्दा है. इस बार जो सरकार देश की सिक्योरिटी की बात करेगा, यूथ उसी के साथ होगा. यूथ अब गुमराह नहीं होगा. यामिनी चौरसिया ---------------------- हमें अपनी
मातृ भाषा को बढ़ावा देने वाला और करप्शन रोकने के लिए नीति बनाने वाला नेता चाहिए. ताकि करप्शन को रोका जा सके. इसके साथ ही एजुकेशन सिस्टम में बदलाव हो. आलोक ठाकुर --------------- -महिला
सुरक्षा के साथ देश सुरक्षा की बात हो तभी महिला यूथ का साथ मिलेगा. हर बार दावे तो होते हैं, लेकिन महिलाएं सुरक्षित महसूस करें तभी तो लगेगा महिला सुरक्षा पर काम हुआ. हिमानी
-------------------- -करप्शन पर अंकुश लगाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. साथ ही सरकार को यह नियम बनाना चाहिए कि करप्शन करने वाला चाहें कितना बड़ा नेता हो या अधिकारी उसके खिलाफ कार्रवाई
होना चाहिए. चर्चित वर्मा ----------------------- एजुकेशन सिस्टम में बदलाव हो ताकि पढ़े-लिखे लोगों को तो रोजगार मिल सके. इसके साथ ही कॉलेजेस में शुरू से ही मोरल डेवलपमेंट की शिक्षा दी जानी
चाहिए. ताकि वह आगे चलकर संस्कार भी जाने. देव ठाकुर ------------------ -स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है. सुधार नहीं होने से ही पब्लिक परेशान होती है. स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार भरपूर
पैसा खर्च कर रही है, लेकिन हकीकत क्या है, वह पब्लिक जानती है. स्वाति वर्मा -------------- -सरकार की तरफ से जो भी योजनाएं लागू होती है, उसका लाभ पात्रों को कम और अपात्रों को अधिक मिल जाता है.
रीजन इसके लिए प्रभावी ढंग से लागू नहीं कराया जाता है.आरक्षण को आर्थिक स्थिति के आधार पर लागू करना चाहिए. निशी गंगवार