
कानपुर : जापान में 3 साल नौकरी कर लौटा भारत, पास किया सिविल सर्विसेस एग्जाम
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-आईआईटी कानपुर से बीटेक के बाद जापान में की तीन साल नौकरी, देश के लिए कुछ करने की इच्छा पर जॉब छोड़कर इंडिया लौटे
[email protected]: फ्राईडे को जारी हुए यूपीएससी(यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) के नतीजों में कानपुर के होनहारों एक बार फिर पूरे देश में अपनी चमक बिखेरी. शहर के शिवांश अवस्थी ने नेशनल
लेवल पर 77वीं रैंक हासिल कर कानपुर का नाम रोशन कर दिया. खास बात ये है कि आईआईटीयन शिवांश ने पहले ही अटेम्पट में यह सक्सेस पाई है. उनकी इस सफलता पर पैरेंट्स के साथ पूरा शहर को गर्व कर रहा है.
देश के लिए कुछ करने की तमम्ना..शास्त्री नगर के रहने वाले सीनियर जर्नलिस्ट शैलेष अवस्थी के बड़े बेटे शिवांश शुरू से ही मेधावी रहे हैं. शिवांश पढ़ाई में शुरूआत से ही मेधावी रहे हैं. हाईस्कूल
में 95 व इंटर में 92 परसेंट मार्क्स हासिल करने वाले शिवांश ने आईआईटी जेईई में भी पहले ही प्रयास में नेशनल लेवल पर 1765वीं रैंक पाई थी. आईआईटी कानपुर से साल 2014 में एयरो स्पेस से बीटेक करने
के बाद बाद उनका कैंपस सेलेक्शन जापान की मल्टीनेशनल कंपनी मित्सबुशी में हो गया. कंपनी ने उन्हें 40 लाख रुपए का पैकेज ऑफर किया. तीन साल तक जापान में जॉब करने के बाद देश के लिए कुछ करने की
इच्छा लेकर शिवांश इंडिया वापस आ गए और सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू कर दी.
12-13 घंटे डेली पढ़ाईशिवांश का कहना है कि सिविल सर्विसेस एग्जाम की तैयारी के लिए 12 से 13 घंटे रोजाना पढ़ाई की. प्रिलिम्स में सफलता प्राप्त करने के बाद 14 मार्च को दिल्ली में इंटरव्यू दिया.
जिसमें कि भारत के चीन व जापान से रिश्तों पर एक्सपर्ट ने सवाल दागे. इसके बाद यह पूछा गया कि इतनी अच्छी जॉब छोड़कर आईएएस क्यों बनना चाहते हो, जिस पर शिवांश ने जवाब दिया कि वह देश के बेसिक
एजूकेशन सिस्टम को बेहतर करना चाहता है. शुक्रवार की शाम जैसे ही रिजल्ट आया तो घर में जश्न का माहौल हो गया. मां अपर्णा अवस्थी, पिता शैलेष और छोटे भाई जयश ने मिलकर खुशी के इन पलों को सेलिब्रेट
किया. शुभचिंतकों ने भी बधाई दी.