अब आउटसाइडर्स को भी ट्रेन्ड करेगा डीएलडब्ल्यू

अब आउटसाइडर्स को भी ट्रेन्ड करेगा डीएलडब्ल्यू


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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Thu, 15 Jan 2015 07:00:05 (IST) - World level skill development के लिए कैंपस स्थित training centre हर किसी के लिए हुआ ओपेन - करेंट सेशन से बाहरियों को भी मिलेगी


इसमें ट्रेनिंग, सेंटर को hi-tech equipments व मशीनों से लैस करने का काम लास्ट स्टेज में VARANASI: डीएलडब्ल्यू अब तक आउटसाइडर स्टूडेंट्स के लिए ओपेन नहीं था। लेकिन अब यहां बाहरी स्टूडेंट्स


भी ट्रेनिंग पा सकेंगे। इसके तहत यहां व‌र्ल्ड लेवल स्किल डेवलपमेंट के लिए बाहरी स्टूडेंट्स को भी टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाएगी। खास बात यह है कि ट्रेनिंग देने के लिए डीएलडब्ल्यू के टेक्निकल


ट्रेनिंग सेंटर को हाईटेक इक्विपमेंट्स व मशीनों से लैस करने का काम लास्ट स्टेज में है। देशभर के बच्चों को एंट्री डीएलडब्ल्यू में अब तक बाहरी बच्चों को ही ट्रेन्ड किया जाता था लेकिन पिछले


दिनों कैंपस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी के मैसेज के बाद यहां देश भर के बच्चों को ट्रेन्ड किया जाएगा। ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल विवेक आचार्य ने बताया कि यहां रेल कर्मियों के ऐसे बच्चों को भी


ट्रेनिंग दिया जाएगा जिन्होंने अब तक किसी तरह की कोई टेक्निकल ट्रेनिंग ग्रहण नहीं की है। ऐसे स्टूडेंट्स की उम्र सीमा फिक्स नहीं की गई है। वे किसी भी एज में टेक्निकल एजुकेशन ग्रहण कर खुद को


अपडेट कर सकते हैं। खत्म हुआ बैरियर डीएलडब्ल्यू ट्रेनिंग सेंटर में अभी तक इंजीनिय¨रग के स्टूडेंट्स को ही ट्रेन्ड किया जाता था। फाइनेंशियल इयर ख्0क्फ्-क्ब् में चार हजार स्टूडेंट्स ने कैंपस


स्थित ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग ली थी। ये सभी टेक्निकल एजुकेशन के स्टूडेंट थे। समर व विंटर वैकेशन में ये कोर्स पूरे किए जाते हैं लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाते हुए पूरे साल भर ट्रेनिंग देने का


प्लैन तैयार किया गया है। इससे स्टूडेंट्स को अब वैकेशन का इंतजार नहीं करना होगा। ------------------ बाक्स-- ट्रेनिंग नहीं रिसर्च सेंटर कहिए नये प्लैन के मुताबिक डीएलडब्ल्यू स्थित इंस्टीट्यूट


केवल ट्रेनिंग देने भर तक लिमिटेड नहीं होगा बल्कि यहां रिसर्च भी होगा। यहां पर हाईटेक मशीनें जैसे सीएनसी (कम्प्यूटर कंट्रोल मशीन), वेल्डिंग सिमिलेटर, वेल्डिंग टेस्टिंग लैब आदि ऐसी मशीनें हैं


जो रिजल्ट को क्रियान्वयन से पहले ही बता देती हैं। ऐसे में जरूरत के हिसाब से प्रोजेक्ट में फेर-बदल कर कार्य की उपयुक्त योजना बनाई जा सकती है। पढ़ेंगे मोरल एजुकेशन भी स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग के


दौरान सिक्योरिटी इक्विपमेंट्स की स्पेशल इंफॉर्मेशन देने के साथ ही उनके मोरल एजुकेशन पर भी बल दिया जाएगा। वीक के हर सैटरडे को उनसे स्वच्छता अभियान के तहत श्रमदान कराकर सोशल रेस्पांसिबिलटी की


एजुकेशन दी जाएगी।