चुनाव के फेर में फंसा फेरा

चुनाव के फेर में फंसा फेरा


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-निकाय चुनाव के बीच शादियों की डेट ने दुल्हा-दुल्हन के अभिभावकों की बढ़ाई मुश्किलें


-सरकारी कर्मचारी भी परेशान, चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए लगा रहे दौड़


रामकटोरा के सुधीर सक्सेना की बेटी की शादी ख्भ् नवंबर को है। मुहुर्त के हिसाब से दुल्हन को सुबह आठ बजे घर छोड़ना है, लेकिन मुसीबत यह खड़ी हो गई है कि ख्म् नवंबर को बनारस में निकाय चुनाव भी


है। ऐसे में शहर की सीमा सुबह छह बजे ही सील हो जाएगी तो बारात विदा कैसे होगी? अब पंडित जी से मुहुर्त चेंज कराने के लिए मंथन जारी है।


सिगरा के कृष्ण देव मिश्रा सिंचाई विभाग में बतौर अमीन हैं। छह माह पहले ही बेटे का रिश्ता पक्का कर दिए थे, लग्न की डेट ख्म् नवंबर रखी गई है। संयोग से उसी दिन बनारस में मतदान भी है। अब उनके


माथे पर चिंता की लकीरें खींचनी शुरू हो गई हैं, कारण कि इलेक्शन में उनकी भी ड्यूटी लग गई है। नाम कटवाने के लिए जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।


ये दोनों केसेज तो महज बानगी भर हैं। सुधीर सक्सेना और कृष्ण देव मिश्रा जैसे शहर में ऐसे बहुत से अभिभावक हैं जिनकी मुसीबत डबल हो गई है। दिन-रात उसका काट ढूंढ़ने में हाथ-पैर मार रहे हैं। शहर


में निकाय चुनाव की डेट और उसी डेट के आगे-पीछे तगड़ी लगन ने आयोजकों के साथ ही दुल्हा-दुल्हन तक को हैरान-परेशान कर रखा है। ऐसे में कोई पंडित जी के यहां मुहुर्त में फेरबदल कराने पहुंच रहा है तो


कोई चुनावी ड्यूटी में जुड़े नाम को कटवाने के लिए आलाधिकारियों के यहां दौड़ लगा रहा है। यही नहीं, अगुवा तक भी मुसीबत से पार पाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। चूंकि बहुत से अगुवा चुनावी मैदान


में खुद ताल ठोंक रहे हैं। इसके चलते दोनों ओर के आयोजकों के बीच कम्यूनिकेशन गैप भी बढ़ गया है।


छह माह पहले गाडि़यों की बुकिंग करने वाले भी परेशानियों से घिर गए हैं। इलेक्शन के चलते गाडि़यों को हायर करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिला प्रशासन की ओर से ट्रैवेल्स संचालकों के यहां


गाडि़यों के लिए इंक्वायरी शुरू हो गई है। बस से लेकर फोर व्हीलर्स की डिमांड अधिक है। ऐसे में संचालकों के सामने संकट यह खड़ा हो गया है कि शादी-ब्याह के लिए एडवांस बुकिंग बहुत पहले ही कर चुके


हैं। बहुत से संचालक कॉल करके एडवांस बुकिंग कैंसिल करने की गुहार लगा रहे हैं।


-शहर की सीमा एक दिन पहले रात क्ख् बजे से ही हो जाएगी सील, ऐसे में बारात-आने जाने में प्रॉब्लम होगी क्रिएट


-चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने में झेलनी पड़ रही है अभिभावकों को दुश्वारियां


-सरकारी कर्मचारी जिनके खुद बच्चों की शादी है, छुट्टी के आवेदन में कार्ड संलग्न करें


कई यजमान ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए शादी मुर्हुत में तब्दीली कराई है। जिन्हें सुबह आठ बजे तक घर छोड़ना था, अब वह चार बजे भोर में ही विदाई ले लेंगे।


शुभ लगन ख्फ् नवंबर से ख्म् नवंबर के बीच में बड़ी अच्छी है। यही वजह था कि इन तिथियों पर शादियां तय हुई थी, लेकिन अब मतदान के फेर में मुर्हुत में फेरबदल किया जा रहा है।


मतदान के दिन भी गाडि़यां बुक हैं। शादी-इंगेजमेंट को लेकर तीन से चार माह पूर्व एडवांस बुकिंग ले ली गई है। मगर, अब मतदान के दिन गाडि़यां को लेकर प्रशासन की ओर से इंक्वायरी भी शुरू हो गई है।


यही थोड़ा परेशानी का सबब बन रहा है।