
अब वीडियो कॉलिग के माध्यम से परिजनों से बात कर सकेंगे कैदी - now prisoners will be able to talk to family members through video calling - bihar buxar general news
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बक्सर। कोरोना के दूसरे नए स्वरूप के अस्तित्व में आने के बाद कारा एवं सुधार विभाग के द्वारा केंद्रीय कारा के नियमों में काफी कुछ बदलाव किया गया है। कैदियों की संख्या निर्धारित संख्या के
मुताबिक रखने के साथ-साथ कैदियों के जेल में प्रवेश के साथ ही उन्हें पहले अन्य कैदियों से 14 दिनों तक अलग रखने की व्यवस्था की गई है। साथ ही इसके पूर्व कैदियों के थर्मल स्क्रीनिग आदि भी की जाती
है। इन्हीं नियमों के बीच कोरोना काल में बंदियों के परिजनों से उनकी मुलाकात के नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब जेल में मुलाकाती वीडियो कॉलिग के माध्यम से कैदी से मुलाकात कर सकेंगे। कारा
अधीक्षक राजीव कुमार बताते हैं कि जेल प्रशासन की तरफ से एक मोबाइल खासकर के मुलाकातियों के लिए रखा गया है। मोबाइल फोन के माध्यम से कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात की व्यवस्था कराई जा रही
है। कैदी के परिजन जीमेल कॉलिग के माध्यम से पहले अपना ईमेल जेल प्रशासन को बताते हैं। जिसके बाद प्रशासन के द्वारा ईमेल पर एक ओटीपी दर्ज करने के बाद ही वीडियो कॉलिग से बात कर सकते हैं। जेल
अधीक्षक ने बताया कि यह व्यवस्था कोरोना काल के बाद भी नियमित रूप से चलाई जाती रहेगी। हालांकि, यह व्यवस्था केवल स•ावार बंदियों के लिए है। कैदी रख सकेंगे केवल दो बैग, अतिरिक्त सामान होगा जेल के
बाहर कारा अधीक्षक ने बताया कि केंद्रीय कारा में कैदी अब ज्यादा सामान नहीं रख सकेंगे। कैदियों के पास केवल दो बैग रहने चाहिए। इन्हीं दो बैग में वह अपने कपड़े तथा अन्य सामान रखेंगे। उन्होंने
कहा कि जिन बंदियों ने जेल में काफी लंबा समय गुजार लिया है उनके पास बहुत सारे कपड़े आदि हो गए हैं, जिन्हें जेल के बाहर करवाया जा रहा है। कम सामान रहने पर जेल में नियमित तलाशी अभियान चलाने में
सहूलियत होगी। बयान : कोरोना के दूसरे स्वरूप के आने के बाद जेल में काफी सतर्कता बरती जा रही है। कैदियों की सुरक्षा के लिए वीडियो कॉलिग से मुलाकात की व्यवस्था की गई है। राजीव कुमार, कारा
अधीक्षक, केंद्रीय कारा।