हेवीवेट मंत्रियों पर भारी पड़ा गुर्जर व राव का दांव, जानें कैसे कटे विपुल गोयल व नरबीर के टिकट - know tickets of two heavyweight ministers vipul goyal and rao narbir singh how to be cut jagran special

हेवीवेट मंत्रियों पर भारी पड़ा गुर्जर व राव का दांव, जानें कैसे कटे विपुल गोयल व नरबीर के टिकट - know tickets of two heavyweight ministers vipul goyal and rao narbir singh how to be cut jagran special


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चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल/बिजेंद्र बंसल]। Haryana Assembly Election 2019 के लिए भाजपा की 78 प्रत्‍याशियों की सूची से राज्‍य के दो हेवीवेट मंत्रियों विपुल गाेयल और राव नरबीर सिंह काट दिया गया।


इस कदम ने सबको चौंका दिया और हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई। दरअसल उन पर राजनीति के दो धुरंधर खिलाडियों का दांव भारी पड़ गया। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर भले ही


अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाने में कामयाब नहीं हुए, लेकिन उन्होंने अपने बड़े राजनीतिक विरोधियों को चारों खाने चित्त कर दिया है। फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में विपुल गोयल केंद्रीय मंत्री


कृष्णपाल गुर्जर और गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र में राव नरबीर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के लिए अक्सर राजनीतिक परेशानियां खड़े करते रहे हैैं। प्रतिद्वंद्वियों का टिकट कटते ही संतुष्ट हो गए थे


नाराज राव और गुर्जर बता दें कि राव और गुर्जर दोनों का ही अपने क्षेत्रों में मनोहर सरकार के मंत्रियों राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल से 36 का आंकड़ा रहा है। मोदी का जब संगठन के पदाधिकारियों को


यह निर्देश गया कि संबंधित क्षेत्र के सांसदों की राय पर ही विधानसभा क्षेत्रों के टिकट वितरित किए जाएं तो राव इंद्रजीत सिंह ने सबसे पहले अपने प्रतिद्वंद्वी राव नरबीर सिंह और कृष्णपाल गुर्जर


ने विपुल गोयल के टिकट पर कैंची चलवा दी। नाराज राव इंद्रजीत को जब स्वदेश लौटने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय नहीं मिला तो वह हिमाचल प्रदेश के कसौली में जाकर बैठ गए। संगठन


महामंत्री बीएल संतोष सहित चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कसौली में ही उनके संपर्क में रहे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृष्णपाल गुर्जर को मनाने की जिम्मेदारी संभाली। गुर्जर


और राव को जब संगठन की तरफ से यह आश्वासन मिल गया कि उनके दोनों प्रतिद्वंद्वियों के टिकट काट दिए जाएंगे तो उनकी नाराजगी दूर हुई। गुर्जर की लड़ाई अब बेटे के टिकट की नहीं, राव अड़े रहेंगे बेटी


के लिए गुर्जर व राव का दांव अपने परिवार के सदस्यों की टिकट के लिए तो नहीं चल पाया, लेकिन दोनों मंत्री अपने विरोधियों के टिकट कटवाने के लिए भाजपा हाईकमान को मनाने में कामयाब हो गए। उनके


समर्थक इसे बड़ी जीत मान रहे हैं। हालांकि, गुर्जर अब अपने बेटे देवेंद्र गुर्जर के लिए तिगांव से टिकट नहीं मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत ने अभी बेटी आरती राव के लिए आस नहीं छोड़ी है। भाजपा


के लिए 12 लंबित सीटों पर प्रत्याशियों का चयन चुनौती से कम नहींभाजपा ने जिन 12 विधानसभा सीटें टिकटों के लिए अभी लंबित कर रखी हैैं, उनमें रेवाड़ी सीट भी शामिल है। राव इंद्रजीत रेवाड़ी से ही


आरती राव के लिए टिकट मांग रहे हैं। यहां से रणधीर कापड़ीवास मौजूदा विधायक हैैं, जिनकी गिनती बागी विधायकों में होती है। उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है। अगर आरती राव के लिए राव इंद्रजीत


ज्यादा अड़े तो राव नरबीर को मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर उन्हें कोसली में टिकट दी जा सकती है। हालांकि, इसकी संभावना फिलहाल बहुत कम है। भाजपा लंबित सीट नारायणगढ़ पर सांसद नायब सिंह सैनी की


पसंद का ख्याल रख सकती है। सैनी यहां से विधायक थे, लेकिन कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली चले गए। पानीपत शहरी क्षेत्र से विधायक रोहिता रेवड़ी की गिनती बागी विधायकों में है। उन्हें


जीवनदान मिलेगा या नहीं, इस पर सबकी निगाह है। गन्नौर से सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक के भाई टिकट मांग रहे हैैं। इस सीट को लंबित रख दिया गया है। कौशिक से गन्नौर व खरखौदा के लिए कोई दूसरा नाम


लिया जा सकता है। लंबित 12 सीटों में शामिल फतेहाबाद सीट अब हॉट बन गई है। यहां से इनेलो के विधायक रहे बलवान सिंह दौलतपुरिया को भाजपा ने पार्टी ज्वाइन कराई थी। कुछ दिन बाद पूर्व सीपीएस दूड़ा


राम को भी भाजपा में लिया गया। अब यह तय होना बाकी है कि इस सीट पर बलवान दौलतपुरिया को टिकट मिलेगा या दूड़ा राम को।भाजपा ने आदमपुर सीट भी रोक रखी है। दूड़ा राम को आदमपुर में कांग्रेस के कुलदीप


बिश्नोई के खिलाफ लड़ाया जा सकता है। दूड़ा राम पूर्व सीएम भजनलाल के परिवार से हैैं और रिश्ते में कुलदीप बिश्नोई के भाई लगते हैैं। भिवानी के सांसद धर्मबीर तोशाम से बेटे मोहित के लिए टिकट मांग


रहे हैैं। इसलिए यह सीट भी लंबित है। पलवल में कोई विवाद नहीं है, जबकि महम में यह तय होना बाकी है कि जाट या गैर जाट किसे लड़ाया जाए। विपुल गोयल पलवल व राव नरबीर रेवाड़ी से अब भी दावेदार


हरियाणा में सियासत कब किस करवट बैठ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। भले ही भाजपा ने फिलहाल दोनों केंद्रीय मंत्रियों को संतुष्ट कर दिया, लेकिन यह भी संभव है कि राव नरबीर को रेवाड़ी से और विपुल गोयल


को पलवल से भाजपा चुनावी रण में उतार दे। इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। लंबित 12 सीटों में नौ पर पिछले चुनाव में हार गई थी भाजपा भाजपा ने जिन 12 सीटों को लंबित रखा है, उनमें नौ


सीटें ऐसी हैैं, जहां भाजपा पिछले चुनाव में हार गई थी। इसके अलावा दो सीटें बागी विधायकों की हैं, जहां बदलाव संभव है। भाजपा ने सीएमओ से जुड़े किसी भी दावेदार, जिला परिषद के चेयरमैन अथवा बोर्ड


निगम के चेयरमैन को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है। मोदी शाह के आदेश पर रविवार रात ही तैयार कर ली गई थी पहली लिस्ट भारतीय जनता पार्टी के 78 प्रत्याशियों की सूची सोमवार सुबह महज दो घंटे


में तैयार हुई, लेकिन यह फाइनल रविवार देर रात ही हो चुकी थी। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों के चयन के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से प्रधानमंत्री नरेंद्र


मोदी अपने निवास के लिए निकले।यह भी पढ़ें: Haryana Assembly Election 2019: BJP ने मंत्री विपुल गोयल व नरबीर के टिकट, तीन खिलाडि़यों पर भी दांव सूत्र बताते हैं कि मोदी ने पार्टी के राष्ट्रीय


अध्यक्ष अमित शाह की सलाह पर यह अंतिम फैसला दे दिया था कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी वहां के सांसदों की संस्तुति पर ही दिए जाएंगे। शाह ने प्रधानमंत्री के आदेश के पालन की जिम्मेदारी


रात में ही संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तय कर दी। यही कारण रहा कि हरियाणा के प्रत्याशियों की तैयार सूची की घोषणा रविवार को


रोक दी गई थी।पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें