Bengal coronavirus: बंगाल चुनाव के बाकी तीन चरणों में 'गेम चेंजर' साबित हो सकती है कोरोना की दूसरी लहर - bengal coronavirus second wave of corona can prove to be game changer in remaining three phases of bengal elections

Bengal coronavirus: बंगाल चुनाव के बाकी तीन चरणों में 'गेम चेंजर' साबित हो सकती है कोरोना की दूसरी लहर - bengal coronavirus second wave of corona can prove to be game changer in remaining three phases of bengal elections


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देश में अचानक से आई कोरोना की दूसरी लहर बंगाल के चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकती है। बंगाल में अब तक पांच चरणों में 294 सीटों में से 180 के लिए मतदान हो चुका है। बाकी तीन चरणों में अभी 112


सीटों के लिए वोट पडऩे बाकी हैं By Vijay KumarEdited By: Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:35 PM (IST) विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता : देश में अचानक से आई कोरोना की दूसरी लहर बंगाल के चुनाव में


'गेम चेंजर' साबित हो सकती है। बंगाल में अब तक पांच चरणों में 294 विधानसभा सीटों में से 180 के लिए मतदान हो चुका है। बाकी तीन चरणों में अभी भी 112 सीटों के लिए वोट पडऩे बाकी हैं


जबकि दो अन्य सीटों पर कोरोना से संक्रमित होकर प्रत्याशियों की मौत के कारण वहां 13 मई को वोट पड़ेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बंगाल में अगली सरकार तय करने में यही सीटें निर्णायक


साबित होंगी।  मोदी-शाह के चुनाव प्रचार में कटौती बिगाड़ सकती है भाजपा की लय राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा ने बंगाल विस चुनाव के हरेक चरण के लिए प्रचार की खास रणनीति


तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसी रणनीति के तहत बार-बार बंगाल आकर प्रचार कर रहे थे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण मोदी-शाह के चुनाव प्रचार में कटौती


से भाजपा की लय बिगड़ सकती है। इन दो दिग्गजों के पिछले चरणों की तरह नियमित रूप से बंगाल आकर चुनाव प्रचार नहीं करने से भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिर सकता है क्योंकि यहां चुनाव प्रचार का


सारा दारोमदार अब तक मोदी-शाह ही संभालते आ रहे थे। ऐसे में बंगाल भाजपा नेतृत्व के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।  तृणमूल ने तेजी से बदली है चुनाव प्रचार की


रणनीति कोरोना का प्रकोप बढ़ते ही तृणमूल कांग्रेस ने अपनी चुनाव प्रचार की रणनीति तेजी से बदली है। मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने तुरंत चुनाव आयोग से बाकी चरणों का मतदान एक साथ


कराने की मांग कर डाली। तृणमूल का एक प्रतिनिधिदल इसे लेकर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब को ज्ञापन भी सौंप आया है। तृणमूल शुरू से ही आठ चरणों में मतदान नहीं चाह रही थी। कोरोना की वजह


से उसे मौका भी मिल गया है। दूसरी तरफ भाजपा मतदान के बाकी चरणों में कटौती नहीं चाह रही क्योंकि ऐसा होने पर वह अपनी अंतिम दौर की रणनीति को अमली जामा नहीं पहना पाएगी। भाजपा को बाकी चरणों का


मतदान एक साथ होने पर बूथों में गड़बड़ी का भी डर सता रहा है। चूंकि यह मामला जनहित से जुड़ा है इसलिए भाजपा खुलकर अपनी अनिच्छा भी जाहिर नहीं कर पा रही और उसने अंतिम निर्णय आयोग पर छोड़ दिया है।


अब तक जोर-शोर से 'बाहरी का मुद्दा उठाती आ रही तृणमूल ने अब कोरोना से निपटने में केंद्र की भाजपा सरकार की विफलता बतानी शुरू कर दी है। ममता तो भाजपा पर चुनाव प्रचार के लिए दूसरे राज्यों


से लोग लाकर बंगाल में कोरोना फैलाने का संगीन आरोप भी लगा चुकी हैं। दूसरी तरफ कटमनी व भ्रष्टाचार के मुद्दों से तृणमूल पर वार करती आ रही भाजपा ने फिलहाल इसे ताक पर रख दिया है और कोरोना से


निपटने में केंद्र सरकार की सफलता गिनाने में जुट गई है। भाजपा ने बंगाल में 'मेरा बूथ कोरोना मुक्त' अभियान भी शुरू किया है, जिसके तहत पार्टी छह करोड़ मास्क बांटेगी। विश्वनाथ


चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा को जितने आक्रामक तरीके से कोरोना को लेकर तृणमूल के वार का जवाब देना चाहिए, वैसा नहीं कर पा रही है। उसे इससे निपटने के लिए जल्दी कोई खास रणनीति तैयार करनी पड़ेगी,


वरना आखिरी तीन चरण उसपर भारी पड़ सकते है और पिछले पांच चरणों की उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है।