
चौपाल: अजातशत्रु
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अटल बिहारी वाजपेयी वास्तव में कीचड़ से सनी राजनीति में ‘कमल’ थे। घनघोर अंधकारमय आकाश में आशा की किरण और भारतीय राजनीति में अजातशत्रु थे। इंसानियत ही उनका धर्म था। उनकी अभिलाषा थी कि संपूर्ण
भारत भय, भूख, भ्रष्टाचार, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो, भारत का कोई व्यक्ति इन व्याधियों से ग्रस्त न हो। दूसरे शब्दों में, सभी लोग सुखी, संपन्न, स्वस्थ्य, शिक्षित हों और भयमुक्त वातावरण में
जिएं। वे अपनी बात राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठ कर निस्पृह होकर सदा आम जन और देशहित में रखते थे। इसीलिए उनकी बातें सीधे दिल को छूती थीं। उन्होंने कभी भी अपनी राजनीति चमकाने और स्वार्थ के लिए
कुटिलतापूर्ण कार्य नहीं किए। अपनी बात बहुत ही स्पष्टता, सादगी और हृदय को छू लेने वाले शब्दों से ऐसी वक्तृता शैली में कह जाते थे कि सब उनके कायल हो जाते थे। तभी तो विरोधी भी उनके व्यक्तित्व
से प्रभावित होकर उन्हें ‘गलत पार्टी में अच्छा व्यक्ति’ कहते थे। वे अपने विरोधियों के भी अच्छे कार्यों की जी खोलकर प्रशंसा करने में कंजूसी नहीं करते थे। मसलन, 1971 में बांग्लादेश बनवाने में
इंदिरा गांधी के योगदान के लिए प्रशंसा में उन्हें ‘भारत की दुर्गा’ की उपाधि से विभूषित करने से वाजपेयी खुद को नहीं रोक पाए थे।
उन्होंने भारत के पारंपरिक शत्रु पाकिस्तान से संबंध सुधारने के लिए भी अपनी सीमा से अधिक प्रयास किए। भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए बस में बैठकर पाकिस्तान चले गए, हालांकि पाकिस्तानियों को उस
समय यह बात समझ में नहीं आई, उल्टा कारगिल युद्ध थोपकर भारत की पीठ में छुरा भोंका। लेकिन अब पाकिस्तानियों को समझ आ रहा है कि संबंधों को सुधारने का वह ‘अटल युग’ सर्वोत्तम था। इसी तरह का भाव
कश्मीरियों में भी है, क्योंकि दौरान अटलजी ने कश्मीर समस्या को इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की रोशनी में सुलझाने की पेशकश की थी। वे संयुक्त राष्ट्र में मातृभाषा हिंदी में संबोधित करने
वाले पहले भारतीय नेता थे। अमेरिका के दबाव, धौंस और परावलंबन से मुक्ति के लिए पोकरण में अत्यंत बुद्धिमत्ता और बहादुरी से परमाणु धमाका करके परमाणु संपन्न देशोंं में भारत को सम्मानित जगह दिलाने
वाले वही थे। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क योजना, सदा बाढ़ और सूखे से ग्रस्त देश को इनसे मुक्ति दिलाने के लिए नदी जोड़ योजना, कावेरी जल विवाद सुलझाना,
प्रत्येक भारतीय को बिजली उपलब्ध कराने की केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि की स्थापना उन्हीं की देन है। उस महान आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनकी उद्दात्त, सहिष्णु और सभी के साथ
प्रेम से रहने की नीतियों पर चल कर देश-समाज की प्रगति के रास्ते पर चलें।’निर्मल कुमार शर्मा, प्रताप विहार, गाजियाबाद
संकल्प से समाधानहमारे देश में गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी और अपराध जैसी समस्याएं घटने की बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। पंचवर्षीय योजनाओं के जरिए विकास की बातें तो सरकारों ने खूब कर लीं मगर गरीबों के
लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतजाम वे उचित तरीके से नहीं कर पा रहीं। क्या कारण है कि गरीब अधिक गरीब हो रहा है और अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ती ही जा रही है? भारत को समस्याओं से मुक्त करना है तो
देश के हरेक नागरिक को संकल्प लेना होगा कि हर हाल में राष्ट्रधर्म निभाएंगे।’राजेश कुमार चौहान, जालंधर
आईपीएल 2025 का फाइनल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स के बीच खेला जाएगा। दोनों टीमें पहली बार आईपीएल ट्रॉफी जीतने के लिए भिड़ेंगी। इस सीज़न में दोनों के बीच यह चौथी भिड़ंत है, जिसमें
RCB 2 मैच जीती है और PBKS एक। पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर बदला लेना चाहेंगे, जबकि RCB के रजत पाटीदार जीत सुनिश्चित करना चाहेंगे। कुल 33 मैचों में RCB ने 16 और PBKS ने 17 मैच जीते
हैं।