राजस्थान : गहलोत ने कहा- सीएम चुनने में नहीं हो रही देरी, झूठ बोल रहे भाजपा नेता

राजस्थान : गहलोत ने कहा- सीएम चुनने में नहीं हो रही देरी, झूठ बोल रहे भाजपा नेता


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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के तीन दिन बाद भी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहे घमासान पर अशोक गहलोत ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सीएम पद के दावेदार


को चुनने में कोई देरी नहीं हो रही है। बीजेपी के नेता झूठा प्रचार कर रहे हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘बीजेपी ने यूपी में सीएम घोषित करने में 7 दिन का वक्त लिया था। वहीं, महाराष्ट्र में सीएम चुनने


में 9 दिन लगाए थे। इस प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लगता है। ऑब्जर्वर चर्चा के लिए संबंधित राज्यों में गए हैं। इसी वजह से अंतिम फैसला आने में थोड़ा वक्त लग सकता है।’’ तीनों राज्यों में यह हाल


पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस ने तीन राज्यों में जीत हासिल की। छत्तीसगढ़ में पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला, लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वह बहुमत से एक और दो सीट पीछे रह


गई। हालांकि, बीएसपी ने कांग्रेस को समर्थन देते हुए सरकार बनाने का अधिकार दे दिया। इसके बावजूद नतीजे आने के तीन दिन बाद भी कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तय नहीं कर पाई है।


मध्यप्रदेश में ऐसे सुलझा विवाद मध्यप्रदेश में सीएम पद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच फंस गया था। सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य ने भी सीएम बनने की चाह जाहिर की थी, लेकिन बाद में


पार्टी आलाकमान के फैसले के बाद उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। इसके बाद गुरुवार शाम कमलनाथ को मध्यप्रदेश में सीएम बनाने की घोषणा की गई। कमलनाथ 17 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे। राजस्थान


में ये पेंच राजस्थान में भी सीएम पद के दो दावेदार कांग्रेस के सामने हैं। पहले अशोक गहलोत, जो दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। दूसरे सचिन पायलट, जो पिछले पांच साल से प्रदेश में


कांग्रेस की कमान संभाल रहे हैं। साथ ही, उन्होंने 2013 में 21 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस को अपने दम पर 100 सीटों तक पहुंचाया। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब तक तय नहीं कर पाए हैं


कि इन दोनों में मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए। छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही हाल राजस्थान जैसा हाल छत्तीसगढ़ का भी है। यहां नतीजे आने के बाद भूपेश बघेल का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे था, लेकिन


उनका नाम सीडी कांड में भी शामिल है। इसी वजह से विरोध होने लगा। गुरुवार शाम त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव का नाम सामने आया, जो पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।