
अपने जिगरी दोस्त राजेश खन्ना की वजह से बॉलीवुड के ‘जंपिंग जैक’ बन गए जितेंद्र
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70 के दशक में राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार माने जाते थे। राजेश खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1966 में चेतन आंनद की फिल्म ‘आखिरी खत’ से की। वर्ष 1966 से 1969 तक राजेश खन्ना फिल्म
इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। 1969 में आई ‘अराधना’ फिल्म से उन्हें बड़ी सफलता हाथ लगी और वह रातोंरात स्टार बन गए। उस दौरान राजेश खन्ना जैसा कोई दूसरा एक्टर इंडस्ट्री
में नहीं था। राजेश खन्ना ने अपने बचपन के दोस्त जितेंद्र को बॉलीवुड में लाने के लिए काफी मदद की। जितेंद्र ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1959 में ‘नवरंग’ फिल्म से की। लेकिन उन्हें बॉलीवुड में
कोई बड़ा रोल ऑफर नहीं हो रहा था। तभी जितेंद्र को खबर मिली की डायरेक्टर वी शांताराम अपनी नई फिल्म के लिए नए चेहरों की तलाश कर रहे हैं। इस बात की जानकारी मिलते ही जितेंद्र तुरंत राजेश खन्ना
के पास पहुंच गए। राजेश खन्ना उस समय खुद कामयाबी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। लेकिन उन्हें एक्टिंग की परख जितेंद्र से ज्यादा थी। लिहाजा उन्होंने जितेंद्र को ऑडिशन में किस तरह एक्टिंग करनी है
और क्या कहना है वो सब समझा दिया। जितेद्र ने ठीक वैसा ही किया जैसा कि राजेश ने सिखाया। इसके बाद वो वी शांताराम की फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ के लिए सेलेक्ट हो गए। फिल्म हिट रही और जितेंद्र
की गाड़ी चल पड़ी। इसके बाद जितेंद्र ने ‘परिचय’, ‘खुशबू’ और ‘किनारा’ जैसी पारिवारिक फिल्में की और इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना ली।