
Thyroid: लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ थायरॉयड से बचाव के लिए इन फूड्स से दूरी भी है जरूरी
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THYROID: थायरॉयड अपने आप में कोई बीमारी नहीं बल्कि एक एंडोक्राइन ग्लैंड है जो बटरफ्लाई के आकार का होता है और हमारे गले में स्थित होता है। थायरॉयड ग्लैंड से थायरॉयड हार्मोन का स्राव होता है
जो हमारे शरीर की सभी मेटाबोलिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है। लेकिन जब थायरॉयड हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाता है तब हमें कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में
थायरॉयड हार्मोन्स का स्राव आवश्यकता से कम होता है तब हम उस स्थिति को हाइपोथायरॉयड कहते हैं और वहीं जब स्राव जरूरत से ज़्यादा होने लगता है तो हम उस स्थिति को हाइपरथायरॉयड कहते हैं।
हाइपोथायरॉयड के लक्षण- इस स्थिति में हमें थकान, अपच, ठंड लगना, वजन बढ़ना, मांसपेशियों का कमज़ोर होना, बालों का पतला होना, याददाश्त कमज़ोर होना, थायरॉयड ग्रंथि का बड़ा हो जाना, जिसे हम घेंघा
रोग (Goiter) भी कहते है, जैसे लक्षण दिखते हैं। हाइपरथायरॉयड के लक्षण- नींद न आना, अधिक पसीना आना, हृदय गति का अनियमित होना, वजन कम होना, मासिक धर्म का अनियमित रहना, डायरिया आदि हाइपरथायरॉयड
के लक्षण हैं। इन दोनों ही स्थितियों से हम प्रॉपर मेडिकेशन के साथ अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके और डाइट पर ध्यान देकर छुटकारा पा सकते हैं। थायरॉयड से बचने और थायरॉयड की स्थिति में अपनी
जीवनशैली में अहमियत दें इन बातों को- तनावमुक्त रहने की कोशिश करें और नियमित योग, व्यायाम करें। अधिक जंक फूड्स न खाएं। अधिक धूम्रपान और एल्कोहल से दूरी बनाएं। ताज़े और हल्के गर्म भोजन का करें
सेवन। भोजन नियत समय पर और 3-4 बार करें। एक ही बार में ज़्यादा न खाएं। शरीर में धूप लगने दें। हाइपोथायरॉयड में क्या न खाएं- सोयाबीन और इसके बाकी प्रोडक्ट्स, केक पेस्ट्री, नाशपाती स्ट्रॉबेरी,
बाजरा, मूंगफली, फूलगोभी पत्तागोभी, ब्रॉकली, रेड मीट, पैक्ड फूड आदि। हाइपरथायरॉयड में क्या न खाएं- प्रोसेस्ड गेहूं जैसे मैदा से बने मैगी, व्हाइट ब्रेड आदि। इसके अलावा सॉफ्ट ड्रिंक्स कैफीन
आदि से दूरी बरतें। ज़्यादा मीठे चीज़ों और चॉकलेट खाने से भी बचना चाहिए।