
Aap का आरोप- bjp के मनोज तिवारी ने सांसद निधि से 2. 25 लाख रुपए में खरीदी 60 हजार की गाड़ी
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद मनोज तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ‘आप’ ने ट्वीट करते हुए आप विधायक सौरभ भारद्वाज के हवाले से
मनोज तिवारी पर ईस्ट दिल्ली मुनिसिपल कॉर्पोरेशन (EDMC) के लिए 60 हजार में आने वाली रिक्शा को 2.25 लाख रुपए में खरीदने का आरोप लगाया है। एक प्रेस कोन्फ्रेंस करते हुए भारद्वाज ने यह आरोप लगाए
हैं। सौरभ भारद्वाज ने मनोज तिवारी के साथ-साथ बीजेपी सांसद महेश गिरी और गौतम गंभीर को भी निशाने पर लिया है। आप विधायक ने कहा ” ईस्ट एमसीडी में कूड़ा उठाने की ई-कार्ट रिक्शा खरीदने के लिए मनोज
तिवारी और महेश गिरी ने अपनी सांसद निधी से पैसा दिया था। आज वो 200 ई-कार्ट ईस्ट एमसीडी के यार्ड में कूड़ा बन गई है, मनोज तिवारी बताएं कि 60-70 हज़ार में आने वाली रिक्शा को 2.25 लाख रुपए में
क्यों खरीदा गया?” सौरभ भारद्वाज ने गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए कहा “गौतम गंभीर ईस्ट एमसीडी के ब्रांड अम्बेसडर है, अभी एक साल बाद वो ईस्ट एमसीडी के लिए वोट मांगेंगे। गौतम गंभीर जवाब दें कि
मनोज तिवारी ने ईस्ट MCD को बेवकूफ बनाया या ईस्ट एमडीसी ने मनोज तिवारी को या दोनों ने मिलकर ही जनता को बेवकूफ बनाया?” See more > .@ManojTiwariMP‘s corruption exposed! > > Amount
Manoj Tiwari paid for one E-Cart : ₹2.25 Lakh > > Actual cost of one E-Cart : ₹60,000 > > Manoj Tiwari bought 200 such E-Carts at a price 3 times more than > its actual
price. pic.twitter.com/b2lxAxTOFU > > — AAP (@AamAadmiParty) November 20, 2020 आप ने 4 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगते हुए कहा “ईस्ट एमसीडी दिल्ली का सबसे गंदा इलाका है. ये दिखाता है
कि एमसीडी का सिस्टम कितना खराब है। एमसीडी में कुछ भी ठीक से नहीं चल रहा है। खरीदारी 200 ई-कार्ट की, की गई थी लेकिन एक का भी इस्तेमाल पूर्वी दिल्ली में नहीं होता है। हमने यह बात वार्ड कि
मीटिंग में भी रखी लेकिन कोई नहीं सुनता।” बता दें ईडीएमसी ऑफिस में खड़े सैकड़ों ई-कार्ट धूल की मोटी चादर में लिपटे हुए खड़े हैं। एबीपी न्यूज कि एक रिपोर्ट के मुताबिक इन ई-कार्ट की पैकिंग की
पन्नी भी अब तक नहीं उतरी है। ईडीएमसी का लगभग आधा ऑफिस इन ई कार्ट के कारण घिरा हुआ है। ऑफिस में दूर दूर तक बिना इस्तेमाल हुए ये बिजली वाहन खड़े हैं. जिन वाहनों को कूड़ा उठाने के लिए खरीदा गया
था, वो खुद मानो कूड़े की तरह बेकार पड़े हैं।