
दिल्ली दंगा: पूर्व jnu छात्र उमर खालिद से तीन घंटे पूछताछ, फिर फोन लेकर चली गई पुलिस
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दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की कथित साजिश के सिलसिले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद से पूछताछ की है। बल के एक वरिष्ठ
अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शुक्रवार को दंगों के पीछे एक कथित साजिश के सिलसिले में खालिद से पूछताछ की। उनका मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।’’ इससे पहले, खालिद
के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने प्राथमिकी में दावा किया है कि सांप्रदायिक दंगे ‘पूर्व निर्धारित साजिश’ के तहत भड़काए गए थे जिसे
कथित तौर पर खालिद और दो अन्य लोगों ने मिलकर रचा था। खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया था। विशेष सेल के मुताबिक उमर खालिद को अपने ऑफिस में जांच के लिए बुलाया गया था।
हालांकि खालिद से क्या पूछताछ की गई, फिलहाल इस बारे में जांच का हवाला देते हुए पुलिस ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। विशेष सेल के मुताबिक जेएनयू के पूर्व छात्र को कुछ दिन पहले ही जांच में
शामिल होन के लिए नोटिस भेजा गया था। नोटिस के जरिये उसे जांच टीम के सामने आने के लिए कहा गया था। खालिद से लगभग 3 घंटे तक सवाल-जवाब किए गए। ये सवाल उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से संबंधित थे।
दिल्ली दंगे में उसकी कथित भूमिका से लेकर मामले से लेकर उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में पूछताछ की गई। मामला वर्तमान में दिल्ली पुलिस की आतंक रोधी इकाई के पास है। विशेष प्रकोष्ठ यूएपीए
की धारा के तहत मामले की “बड़े षड्यंत्र के कोण” से जांच कर रही है। [embedded content] साथ ही और लोगों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे के दौरान सड़कों पर आने और सड़कों को
अवरुद्ध करने की अपील की थी ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को पता चले कि देश में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है। (भाषा इनपुट के साथ)