
Guru arjan dev martyrdom day 2019, images and quotes: गुरु अर्जन देव की शहीदी दिवस आज, पढ़ें उनके विचार
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GURU ARJAN DEV MARTYRDOM DAY 2019, IMAGES AND QUOTES: गुरु अर्जन देव सिक्खों के पांचवे गुरु थे। वे सभी धर्मों के संभाव का उपदेश देते थे। इनका जन्म 15 अप्रैल 1563 ई. को अमृतसर में हुआ था।
अर्जन देव मानवता के आदर्शों पर कायम रहने का भी उपदेश देते थे। गुरु अर्जन देव मानवता के सच्चे पुजारी थे। उनके भीतर सहृदयता, कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुण कूट-कूटकर भरे हुए थे। जिसे देखकर उनके पिता
गुरु रामदास ने उन्हें 1581 ई. में सिखों के पांचवें गुरु के रूप में गुरु गद्दी पर बिठाया। इस दौरान उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का संपादन किया। जिसमें उन्होंने खुद की बनाई 30 रागों में 2,218
शब्दों को भी गुरुग्रंथ साहिब में दर्ज किया। गुरु अर्जन देव जी ने ‘तेरा कीआ मीठा लागे, हरि नाम पदारथ नानक मागे’ शब्द का उच्चारण करते हुए सन् 1606 में अमर शहीदी प्राप्त की। कहते हैं कि मुगल
शासक जहांगीर ने लाहौर (जो कि अब पाकिस्तान में है) में 16 जून 1606 को बहुत अधिक यातना देकर उनकी हत्या करवा दी। गुरु अर्जन देव के विचार भी बेहद खास और प्रेरणादायी हैं। एक दिन श्री गुरु अर्जन
देव जी का दीवान सजा था। उस दीवान में गुरु जी ने वचन किया कि शुभ कार्य करने अच्छे होते हैं, लेकिन सबसे अच्छा काम कुआं लगाना है। इससे हर प्रकार के जीव को पीने के लिए पानी मिलता है। पानी पीकर
वे सुख का अहसास करते हैं। कुएं के ऊपर फूलों का सरोवर है जहां पशु-पक्षी और प्राणी सुख की अनुभूति करते हैं। फिर आगे अर्जन देव कहते हैं कि इससे भी अच्छा काम तीर्थ स्थान और तालाब और सीढ़ियां
बनाना है। जिन सीढ़ियों पर बैठकर प्राणी स्नान और दान करते हैं। गुरु अर्जन देव की शहादत पर हरबंश भट्ट अपने सवैये में लिखते हैं कि ‘ हरिबंस जगति जसु संचर्यउ सु कवणु कहैं स्री गुरु मुयउ।। 1।। देव
पुरी महि गयउ आपि परमेसुर भायउ।। हरि सिंघासणु दीअउ सिरी गुरु तह बैठायउ।।