डार्विन की थ्‍योरी गलत? बयान पर अड़े केंद्रीय मंत्री, भड़की एक्‍ट्रेस बोली- एजुकेशन गई तेल लेने

डार्विन की थ्‍योरी गलत? बयान पर अड़े केंद्रीय मंत्री, भड़की एक्‍ट्रेस बोली- एजुकेशन गई तेल लेने


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मशहूर वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को नकारने वाले केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह सोशल मीडिया यूजर्स के भी निशाने पर आ गए हैं। कई यूजर्स ने उनके इस मत का मजाक उड़ाया है जिसमें उन्होंने


डार्विन के उस सिद्धांत को वैज्ञानिक रूप से मानने से इंकार कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि इंसान की उत्पत्ति बंदर से नहीं हुई है। इस कड़ी में अब टीवी इंडस्ट्री की मशहूर शख्सियत श्रुति सेठ


ने भी निशाना साथा है। ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री से जुड़ी एक पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘हां हमारे पूर्वजों ने बंदर को इंसान में बदलते नहीं देखा, लेकिन उन्होंने यह भी नहीं देखा कि


भगवान ने मानव बनाया है। तो अब? शिक्षा गई तेल लेने।’ कई यूजर्स ने टीवी एक्ट्रेस की इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। एक कमेंट में केंद्रीय मंत्री के बयान को मजाकिया बताया गया है। एक


कमेंट में लिखा गया, ‘सत्यपाल सिंह पूर्व में आईपीएस अधिकारी थे और वरिष्ठ पद पर रहते रिटायर हुए हैं। पुराने सिद्धांतों में सवाल उठाने में कुछ गलत नहीं है। न्यूटन के कुछ सिद्धातों को तो महान


वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने भी गलत साबित किया था।’ वहीं ट्विटर यूजर कृष्णा मुरारी सिंह लिखते हैं, ‘केंद्रीय मंत्री से उनके शोध दिखाने को कहा जाए।’


Yes our ancestors did not see an ape turn into a man but they haven’t seen god creating the human race either. So now?


We are so screwed. Education गई तेल लेने। https://t.co/9kc5MmxhUu


— Shruti Seth (@SethShruti) January 21, 2018


बता दें कि केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने दावा किया है कि मानव के क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत ‘वैज्ञानिक रूप से गलत है।’ उन्होंने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव


की भी हिमायत की थी। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कभी किसी कपि के इंसान बनने का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने शुक्रवार (19 जनवरी, 2017) को संवाददाताओं से


कहा, ‘(इंसानों के विकास संबंधी) चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है। स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है। इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा


है।’ ऑल इंडिया वैदिक सम्मेलन में हिस्सा लेने मध्य महाराष्ट्र के इस शहर में आए पूर्व आइपीएस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे किसी भी पूर्वज ने लिखित या मौखिक रूप में कपि को इंसान में बदलने का जिक्र


नहीं किया था।’ डार्विनवाद जैविक विकास से संबंधित सिद्धांत है। उन्नीसवीं सदी के अंग्रेज प्रकृतिवादी डार्विन और अन्य ने यह सिद्धांत दिया था।


गौरतलब है कि राजनीति में आने से पहले सत्यपाल सिंह मुंबई पुलिस के कमिश्नर भी रह चुके हैं। सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश की बागपत लोकसभा सीट से चौधरी अजीत सिंह को हराकर लोकसभा पहुंचे हैं। वैसे ये


पहली बार नहीं है जब बीजेपी से जुड़े नेता ने इस तरह का कोई बयान दिया है। इसके पहले आठ जनवरी को राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा था कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन से


पहले ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने दिया था। देवनानी के इस बयान पर भी काफी हल्ला मचा था।


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पेट की गैस, अपच और ब्लोटिंग से राहत दिलाता है। यह आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया को भी नियंत्रित करता है। गर्मी में कब्ज से परेशान लोगों के लिए यह रामबाण है।