
Nirjala ekadashi vrat : इस नियम के पालन के बिना अधूरा है निर्जला एकादशी व्रत
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:

NIRJALA EKADASHI VRAT : हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को
निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को सभी 24 एकादशी में सबसे अधिक श्रेष्ठ माना जाता है। NIRJALA EKADASHI VRAT : हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल
पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को सभी 24 एकादशी में सबसे अधिक श्रेष्ठ
माना जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से सालभर की एकादशी व्रत करने के बराबर फल मिल जाता है। निर्जला एकादशी डेट- 6 जून को गृहस्थ और 7 जून को वैष्णवों के लिए निर्जला एकादशी है। एकादशी तिथि
को लेकर उपजी भ्रम को भारतीय विद्वत परिषद ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। परिषद से जुड़े आचार्य व विद्वानों ने कहा कि 6 जून को गृहस्थ और 7 जून को वैष्णव जन के लिए निर्जला एकादशी शास्त्र सम्मत है।
इस नियम का पालन करना होता है जरूरी निर्जला एकादशी व्रत में जल का त्याग करना होता है। इस व्रत में व्रती पानी का सेवन नहीं कर सकता है। व्रत का पारण करने के बाद ही व्रती जल का सेवन कर सकता है।
निर्जला एकादशी पूजा-विधि: निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्घ्य दें। केले के पौधे पर जल अर्पित करें। श्रीहरि विष्णु और
मां लक्ष्मी की पूजा आरंभ करें। उन्हें फल,पीले फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद विष्णुजी और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। विष्णुजी के साथ सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।
अंत में पूजा के दौरान हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। फिर घर के सदस्यों को प्रसाद वितरण करें। संभव हो, तो दिन निर्जला व्रत रखें। अगले दिन द्वादशी तिथि में पारण करें। डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी
गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। ये भी पढ़ें:राशिफल: 4 जून का दिन मेष से
लेकर मीन राशि वालों के लिए कैसा रहेगा?