
सीबीएसई 10वीं 12वीं के 71 फीसदी विद्यार्थियों ने नहीं की ऑनलाइन क्लास, अब पास होने की टेंशन
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सीबीएसई 10वीं और 12वीं के 71 फीसदी विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्लास नहीं की है। जिन छात्रों ने ऑनलाइन क्लास की भी है, उनमें 50 फीसदी को पढ़ाई समझ में नहीं आई। ऐसे में अब बोर्ड परीक्षार्थियों को
पास होने... सीबीएसई 10वीं और 12वीं के 71 फीसदी विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्लास नहीं की है। जिन छात्रों ने ऑनलाइन क्लास की भी है, उनमें 50 फीसदी को पढ़ाई समझ में नहीं आई। ऐसे में अब बोर्ड
परीक्षार्थियों को पास होने की चिंता सताने लगी है। यह स्थिति किसी एक छात्र की नहीं है, बल्कि पटना जोन (बिहार और झारखंड) के 80 फीसदी विद्यार्थी इस मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। सीबीएसई
क्षेत्रीय कार्यालय और सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदया कॉम्प्लेक्स की मानें तो पटना जोन के लगभग 71 फीसदी विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास नहीं कर सके हैं। जिन छात्रों ने ऑनलाइन क्लास की भी है, वे लगातार
मोबाइल नेटवर्क, डाटा खत्म होने की समस्या से जूझ़ते रहे और उन्हें पढ़ाई समझ में नहीं आई है। अब जब बोर्ड परीक्षा नजदीक आ रही है तो विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होने और पास होने को लेकर परेशान
हैं। शिक्षा मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही काउंसिलिंग में हर दिन छात्रों के फोन कॉल आ रहे हैं। ज्ञात हो कि कोरोना के कारण स्कूल बंद रहे। पूरे साल ऑनलाइन क्लास चलती रही। छात्र स्कूल की पढ़ाई
से दूर रहे। जबकि बोर्ड की तरफ से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गयी है। एलओसी भी भराया जा चुका है। विद्यार्थी पूछ रहे सवाल... बोर्ड परीक्षा की तारीख बढ़ेगी क्या बोर्ड परीक्षा की तारीख आगे
बढ़ेगी या समय पर होगी। इसको लेकर छात्र अब प्रश्न भी करने लगे हैं। छात्र अब ऑनलाइन क्लास नहीं करने की जानकारी दे रहे हैं। सेंट माइकल स्कूल के छात्र राहुल ने बताया कि ऑनलाइन क्लास से वह
संतुष्ट नही है। ऑनलाइन पढ़ाई समझ में नहीं आई। स्कूल में क्लास होनी चाहिए। छात्र पंकज कुमार ने बताया कि सैंपल पेपर बहुत टफ है, समझ में नहीं आ रहा है। मानसिक तनाव से गुजर रहे 50 फीसदी से
अधिक बच्चे बोर्ड ने सिलेबस तो कम कर दिया, लेकिन आसान चैप्टर को ही हटाया है। यह कहना है डीएवी बीएसईबी की छात्रा प्रियंका कुमारी का। प्रियंका ने बताया कि सिलेबस को लेकर काफी टेंशन हो रही है।
जब सिलेबस पूरा होगा तभी तो रिवीजन कर पाऊंगी। सीबीएसई की मानें तो बोर्ड परीक्षा के कारण 50 फीसदी छात्र मानसिक तनाव में हैं। नहीं हुई प्रैक्टिकल क्लास अभी सबसे ज्यादा छात्र प्रैक्टिकल
परीक्षा को लेकर चिंतित हैं। छात्र प्रैक्टिकल क्लास की मांग करने लगे हैं। नॉट्रेडम एकेडमी की मानें तो 164 में 104 छात्राओं ने प्रैक्टिकल क्लास करने की मांग स्कूल प्रशासन से की है। वहीं सेंट
माइकल और डीएवी के छात्रों ने भी लैब की कक्षाएं चालू करने की मांग की है। आभा चौधरी (शिक्षिका, नॉट्रेडेम एकेडमी) ने कहा, 'ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतें तो जरूर आयी हैं। लेकिन बच्चों को सेल्फ
स्टडी पर फोकस करना चाहिए। बोर्ड परीक्षा तो होगी ही। अब जितना समय बचा है, उसमें उन्हें अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए। जहां मौका मिले टीचर से संपर्क करें, सैंपल पेपर बनायें। पढ़ना शुरू करेंगे
तो आसान हो जायेगा।' पवन कुमार (अभिभावक) ने कहा, ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई बच्चों को समझ में नहीं आई। हम लोग खुद चिंतित हैं कि कैसे बोर्ड परीक्षा में बच्चे शामिल होंगे। बोर्ड को इस पर सोचना
चाहिए। कम से कम दो महीने स्कूल में पढ़ाई हो, इसके बाद ही बोर्ड परीक्षा लेनी चाहिए।