मेरे लिए मेरे करियर से ज्यादा परिवार जरूरी…जसप्रीत बुमराह ने क्यों कही ये बात?

मेरे लिए मेरे करियर से ज्यादा परिवार जरूरी…जसप्रीत बुमराह ने क्यों कही ये बात?


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स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल क्लार्क के साथ बातचीत में अपने वर्कलोड मैनेजमेंट, परिवार और कई चीजों के बारे में खुलकर बात की है। भारत के


स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल क्लार्क के साथ बातचीत में अपने वर्कलोड मैनेजमेंट, परिवार और कई चीजों के बारे में खुलकर बात की है। क्लार्क के


पॉडकास्ट बियॉन्ड 23 पर बोलते हुए बुमराह ने कहा कि उनका परिवार उनके करियर से ज्यादा महत्वपूर्ण है। बता दें, जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड दौरे के लिए कप्तानी का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, मगर


उनकी फिटनेस संबंधित समस्याओं को देखते हुए चयनकर्ताओं ने उनकी जगह शुभमन गिल को कप्तान बनाना सही समझा। स्क्वॉड का ऐलान करते हुए अजीत अगरकर ने यह भी साफ किया कि वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते


बुमराह इंग्लैंड दौरे पर पूरे 5 मैच भी नहीं खेलेंगे। ये भी पढ़ें:बाउंड्री पर कैच, DRS और पुरानी गेंद का इस्तेमाल...बदल रहे हैं क्रिकेट के ये नियम जसप्रीत बुमराह ने कहा, "मेरे लिए, परिवार


मेरे करियर से ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि आप जानते हैं कि यह स्थिर है। दो चीजें हैं जिन्हें मैं गंभीरता से लेता हूं। एक मेरा परिवार है और एक मेरा खेल है, लेकिन परिवार पहले आता है।"


उन्होंने आगे कहा, "मुझे प्राथमिकता देनी होगी और मैं प्राथमिकता देता हूं क्योंकि मैं हर समय क्रिकेटर नहीं रहूंगा। उनके लिए, मैं क्रिकेटर नहीं हूं। मैं एक इंसान हूं और आप जानते हैं कि एक


युवा पिता होने के नाते, मेरे बेटे को देखकर, आप जानते हैं, उसने गेंद उठाना और गेंद से खेलना शुरू कर दिया, जो इस समय उचित नहीं है।" ये भी पढ़ें:कोहली vs सूर्या...ऑरेंज कैप के 2 दावेदार


बाकी, कौन छीनेगा साई से नंबर-1 का ताज? अपनी फिटनेस और शरीर के बारे में बात करते हुए बुमराह ने कहा, "जाहिर है, किसी भी व्यक्ति के लिए इतने लंबे समय तक हर चीज खेलते रहना मुश्किल है। मैं


कुछ समय से ऐसा कर रहा हूं, लेकिन आखिरकार आपको यह समझना होगा कि आपका शरीर किस दिशा में जा रहा है, कौन सा टूर्नामेंट महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा, "आपको अपने शरीर का इस्तेमाल करने के


तरीके के बारे में थोड़ा चयनात्मक और होशियार होना चाहिए। एक क्रिकेटर के तौर पर मैं कभी भी कुछ नहीं छोड़ना चाहता और हमेशा आगे बढ़ता रहना चाहता हूं। लेकिन मैं लक्ष्य निर्धारित नहीं करता या


नंबर्स को नहीं देखता। जब भी मैंने ऐसा किया (लक्ष्य निर्धारित किए) मैं उन्हें पूरा नहीं कर पाया।"