यूक्रेन की सदस्यता को लेकर दो हिस्सों में बंटा नाटो, समर्थन में आए यह देश

यूक्रेन की सदस्यता को लेकर दो हिस्सों में बंटा नाटो, समर्थन में आए यह देश


Play all audios:


RUSSIA UKRAINE: यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर नाटो सदस्यों के एक समूह ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। हालांकि ट्रंप इस मुद्दे पर पहले ही कह चुके हैं कि यूक्रेन को यह सपना देखना छोड़ देना


चाहिए। वहीं पुतिन भी इस मामले पर अपनी राय जाहिर कर चुके हैं। Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 June 2025 08:59 PM Share Follow Us on __ यूक्रेन को नाटो की सदस्यता मिलेगी या नहीं इस सवाल


को लेकर नाटो के सदस्य देशों में अलगाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ ट्रंप के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन को सदस्यता देने से इनकार कर चुका है तो वहीं आज बी9 और नार्डिक देशों की


बैठक के बाद कई नाटो देशों ने कहा कि वह यूक्रेन की सदस्यता के लिए अपने समर्थन पर प्रतिबद्ध हैं। इन देशों में सबसे मुख्य नाम पोलैंड, रोमानिया और लिथुआनिया का है। बैठक के बाद इन देशों के नेताओं


ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम नाटो सदस्यता सहित पूरे यूरो अटलांटिक को एक करने और यूक्रेन को अपना समर्थन देने की बात पर प्रतिबद्ध हैं। अन्य स्वतंत्र देशों की तरह यूक्रेन को भी अपनी


सुरक्षा व्यवस्था चुनने और बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त होकर अपने भविष्य को तय करने का अधिकार है।" बता दें पिछले तीन सालों से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध एक नए भीषण दौर में चल रहा है। शांति की


बातों के बीच यूक्रेन ने रूस को मिलियन्स डॉलर्स का झटका देते हुए उसके कई दर्जन फाइटर जेट्स को एयरबेस पर ही मार गिराया है। इस युद्ध की शुरुआत यूक्रेन की नाटो की सदस्यता पर रूस की नाराजगी से


हुई थी। युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने सदस्यता देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई और ट्रंप ने तो आते साथ ही जेलेंस्की से नाटो की सदस्यता का सपना देखना बंद करने के लिए कह दिया।


ये भी पढ़ें:तुर्की में रूस और यूक्रेन शांति वार्ता में ये हुआ तय, कौन झुका-कौन अड़ा ये भी पढ़ें:भारत-पाक तनाव के बीच S-400 पर बड़ा अपडेट, रूसी दूत ने उड़ाई PAK की नींद ये भी पढ़ें:रूस को अपनी


ताकत दिखाएगा एक और देश, 12 न्यूक्लियर सबमरीन का ऐलान आपको बता दें रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी यूक्रेन में शांति के लिए सबसे पहली शर्त के रूप में इसी बात को रखा है कि पश्चिमी देश इस बात को


लिखकर दें कि वह पूर्व की तरफ नाटो का विस्तार करना बंद कर देंगे। इसके अलावा वह रूस के ऊपर लगाए गए कई प्रतिबंधों को भी हटा दें।