सीएए, एनआरसी और एनपीआर कानून नहीं मानेंगे

सीएए, एनआरसी और एनपीआर कानून नहीं मानेंगे


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भारतीय मुसलमान अपनी जान देने को तैयार हैं, लेकिन काले कानून के संबंधी कागजात नहीं दिखाएंगे। अपनी जान दे देंगे लेकिन इस कानून को नहीं मानेंगे। अंतिम सांस तक लड़ाई जारी... भारतीय मुसलमान अपनी


जान देने को तैयार हैं, लेकिन काले कानून के संबंधी कागजात नहीं दिखाएंगे। अपनी जान दे देंगे लेकिन इस कानून को नहीं मानेंगे। अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रहेगी। यह बातें मुस्लिम फ्रंट के अध्यक्ष


हाजी हिदायतुल्लाह खान की पत्नी नौशीन खान ने बुधवार को जुगसलाई ईदगाह मैदान में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में विशाल जनसभा में कहीं। दस्तूर-ए-हिन्द बचाओ समिति महिला सेल की ओर से दो दिवसीय


विशाल जनसभा के दूसरे दिन इस्लामी बहनों ने प्रदर्शन किया। दो दिन में हजारों महिलाओं ने धरना देकर विरोध दर्ज कराया। मदरबा बाग-ए-आयशा की चेयरपर्सन जेबा कादरी ने कहा कि यह कानून मुल्क की सदियों


पुरानी सभ्यता में दरार पैदा कर रहा है। यह सियाह कानून मान्य नहीं है और रद्द होने तक विरोध रहेंगे। दिलरुबा ने कहा कि देश के लिए यह खतरनाक कानून है। अभी जलसे, जुलूस और धरना प्रदर्शन कानून में


प्रदत्त नियामानुसार कर रहे हैं। यह कानून हर हाल में जल्द रद्द और संशोधित होना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए सबा वारसिया ने कहा कि स्कूली छात्र सड़क पर उतर आए हैं। अंजुम आरा, खुशबू कुमारी,


रितिका पांडेय, सायरा जहां ने विचार रखा। रात आठ बजे दुआ से जनसभा खत्म हुआ। इनका रहा योगदान जनसभा में हाजी हिदायतुल्लाह खान, मो. नसीम, मो. सुबैद, मो. नौशाद, पप्पू होटल वाले, मो. युनूस, अब्बास


अंसारी, परवेज कबीर, राजा मेहंदी, मो. मकसूद का योगदान रहा। स्थानीय लोगों ने खाने-पीने की व्यवस्था की।