
राहुल गांधी के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट, झारखंड हाई कोर्ट में दी चुनौती; क्या है मामला
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27 फरवरी को भी अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने इस आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने बाद में वारंट पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस नेता
राहुल गांधी ने उनके खिलाफ जारी किए गए गैर जमानती वारंट को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है। यह वारंट उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए चाईबासा में एमपी-एमएलए
विशेष अदालत ने जारी किया था। राहुल गांधी को 26 जून को चाईबासा की एमपी-एमएलए अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये दूसरी बार है जब चाईबासा
कोर्ट ने गैर जमानचती वारंट जारी किया है। 27 फरवरी को भी अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने इस आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने बाद
में वारंट पर रोक लगा दी थी। राहुल के खिलाफ प्रताप कुमार नामक व्यक्ति ने 2018 में चाईबासा में आयोजित एक रैली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयान देने के
लिए मानहानि का मामला दर्ज कराया है। राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने मामले के इस चरण में चाईबासा अदालत में पेश होने से छूट का अनुरोध करते हुए पहले ही याचिका दायर कर दी है। नेता
प्रतिपक्ष की याचिका में कहा गया है कि पेश होने से छूट की अर्जी उच्च न्यायालय में निर्णय के लिए लंबित है। इस तथ्य के बावजूद, अधीनस्थ अदालत ने गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया और उन्हें
चाईबासा में एमपी-एमएलए अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के सिलसिले
में कुमार की ओर से दायर आपराधिक मुकदमे में मुश्किल स्थिति का सामना कर रहे हैं। कुमार ने चाईबासा में मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में कहा था कि गांधी के बयान अपमानजनक थे और अमित
शाह की छवि धूमिल करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया था। भाषा से इनपुट