
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के तीन संकायों के शैक्षणिक में विलंब से छात्र परेशान
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बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि, हॉर्टीकल्चर और कृषि अभियांत्रिकी संकायों में दाखिला लेनेवाले छात्रों की अभी तक पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। इन छात्र-छात्राओं का नामांकन गत वर्ष 18 अगस्त
को लिया... हिन्दुस्तान ब्यूरो रांचीMon, 22 Oct 2018 10:33 PM Share Follow Us on __ बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि, हॉर्टीकल्चर और कृषि अभियांत्रिकी संकायों में दाखिला लेनेवाले छात्रों
की अभी तक पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। इन छात्र-छात्राओं का नामांकन गत वर्ष 18 अगस्त को लिया गया था। इनका नामांकन पिछले साल कृषि के तीन नए कॉलेज गोड्डा, गढ़वा और देवघर के नाम पर लिया गया।
नामांकन के बाद सभी छात्रों को गोड्डा, गढ़वा और देवघर कॉलेज कैंपस भेजने की जगह कांके स्थित कृषि कॉलेज के कैंपस में ही रखा गया है। किसान भवन में जगह नहीं : छात्रों को जिस भवन में रखा गया है, वह
किसान भवन कहलाता है। यह विश्वविद्यालय परिसर से दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। गोड्डा, गढ़वा और देवघर कॉलेजों के नाम पर इस वर्ष फिर छात्रों का नामांकन लिया गया है। किसान भवन में बच्चों को
रहने की जगह नहीं है। एक कमरे में दो की जगह चार बच्चों को ठूंस दिया गया है। खाना बाहर के किसी एजेंसी के जिम्मे है। छात्रों को मिलनेवाला भोजन शुद्ध नहीं होता है। उसमें कई बार छात्रों को
कीड़े-तक मिले हैं। डीन के आदेश का अनुपालन नहीं पिछले साल 28 अगस्त को सत्र शुरू हो गया था। इससे पहले प्रति वर्ष जुलाई में शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाता था। विश्वविद्यालय के डीन डॉ राघव ठाकुर के
आदेशानुसार सभी कॉलेजों का सत्र 21 सितंबर से तक शुरू हो जाना था, जो इस साल नहीं हो पाया है। छात्रों को इस विलंब से अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ ही लग रहा है। सत्र नियत समय पर शुरू हो जाता तो
पढ़ाई नियमित होती। 22 अक्तूबर को सभी छात्र-छात्राओं का निबंधन होना था। इसे सूचना देकर स्थगित कर दिया गया है। निबंधन की नई तारीख को लेकर अभी तक नई सूचना नहीं दी गई है। कॉलेजों में अभी सिर्फ 50
बच्चों को रखने की सुविधा है, लेकिन 350 छात्रों का नामांकन कर लिया गया है। 2018 के अन्य संकायों की पढ़ाई अगस्त महीने से शुरू हो चुकी है। हॉस्टल में सुरक्षा का अभाव छात्र-छात्राएं जिस हॉस्टल
में रह रहे हैं, वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्र-छात्राएं जब चाहे हॉस्टल से निकल सकते हैं और अपनी मर्जी से लौट सकते हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी
है, लेकिन सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर की रैगिंग के लिए उकसाया जाता है। इससे जूनियर छात्र-छात्रा परेशान रहते हैं।