
जलवायु परिवर्तन की दस विनाशकारी घटनाओं के नाम रहा यह साल
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गुजरता वर्ष कोरोना महामारी के अलावा जलवायु परिवर्तन की दस विनाशकारी घटनाओं के लिए भी याद रखा जाएगा। ये ऐसी घटनाएं हैं जिनमें से प्रत्येक में डेढ़ अरब डालर या इससे भी ज्यादा की आर्थिक क्षति
हुई है।... Madan Tiwari मदन जैड़ा, नई दिल्लीMon, 28 Dec 2020 09:00 PM Share Follow Us on __ गुजरता वर्ष कोरोना महामारी के अलावा जलवायु परिवर्तन की दस विनाशकारी घटनाओं के लिए भी याद रखा
जाएगा। ये ऐसी घटनाएं हैं जिनमें से प्रत्येक में डेढ़ अरब डालर या इससे भी ज्यादा की आर्थिक क्षति हुई है। क्रिश्यियन एड की ताजा रिपोर्ट ‘लागत 2020 की गणना’ में इन घटनाओं से हुई आर्थिक क्षति का
आकलन किया गया है। इन कुल दस घटनाओं में से नौ ऐसी थी जिनमें आर्थिक क्षति पांच अरब डालर से भी अधिक की थी। क्षति का आकलन मोट तौर पर बीमित क्षतिपूर्ति के आधार पर किया गया है। यानी वास्तविक
क्षति इससे भी ज्यादा की हो सकती है। इन घटनाओं में बाढ़, तूफान, उष्णकटिबंधी चक्रवात तथा आग की घटनाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं। सर्वाधिक प्रभावित देशों में अमेरिका पहले नंबर पर रहा। रिपोर्ट के
अनुसार 2020 में मौसम की कुछ मुख्य घटनाएं गरीब देशों में विनाशकारी थीं, भले ही उनसे हुई क्षति का मूल्य कम रहा। उदाहरण के लिए, दक्षिण सूडान ने सबसे खराब बाढ़ का अनुभव किया। जिसमें 138 लोगों की
मौत हुई और बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हुईं। कुछ आपदाएं तेजी से आईं जैसे अम्फान तूफान जिससे भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका समेत कई देशों को क्षति हुई। कुल 13 अरब डालर की क्षति का आकलन किया गया
है। इसी प्रकार चीन और भारत में बाढ़ की घटनाओं से क्रमश 32 और 10 अरख डालर की क्षति का नुकसान हुआ। दस में से छह बड़ी घटनाएं एशिया में हुईं रिपोर्ट के अनुसार नुकसान पहुंचाने वाली दस में से छह
बड़ी घटनाएं एशिया में हुईं। इनमें से पांच मानसून की असामान्य बारिश से जुड़ी थी। अफ्रीका में विशाल टिड्डी दलों ने फसलों और वनस्पतियों को तबाह कर दिया जिससे 8.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
असामान्य बारिश के कारण बेमौसम नमी बढ़ने से यह टिड्डी दल पैदा हुए। पूरी दुनिया में बड़े बदलाव का असर महसूस किया गया रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में मौसम के इस बड़े बदलाव का असर महसूस किया
गया। यूरोप में दो अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की संयुक्त लागत लगभग 6 बिलियन डॉलर थी। अमेरिका को ब़डे पैमाने पर आए तूफानों एवं आग की घटनाओं से 60 अरब डालर की क्षति होने का अनुमान है। कुछ
कम आबादी वाले स्थानों को भी ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम भुगतना पड़ा। साइबेरिया में साल की पहली छमाही के दौरान गर्मी की लहर ने वरखोयानस्क शहर में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ एक रिकॉर्ड
स्थापित किया। कुछ महीने बाद दुनिया के दूसरे छोर पर बोलीविया, अर्जेंटीना, पैराग्वे और ब्राजील में गर्मी और सूखे ने आग की घटनाएं बढ़ीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौसम की ये मुख्य घटनाएं तत्काल
जलवायु कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करती हैं।