
बेटों ने छोड़ा, दिल्ली की बेटी बनी सहारा; स्वाति मालीवाल का दिल छू लेने वाला वीडियो!
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दिल्ली में एक खंडहर में रह रहे बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए स्वाति मालीवाल आगे आईं हैं। वो बुजुर्ग के घर पहुंची और उनका दर्द जाना। साथ ही लोगों से बुजुर्ग की मदद करने की गुहार लगाई। दिल्ली की
सड़कों पर कई कहानियां बिखरी पड़ी हैं, लेकिन कुछ ऐसी होती हैं जो दिल को झकझोर देती हैं। ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है, जहां बेटों ने अपने बूढ़े मां-बाप को घर से बेदखल कर दिया, लेकिन आम आदमी
पार्टी सांसद स्वाति मालीवाल ने उनका सहारा बनने की ठानी। स्वाति मालीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो एक बुज़ुर्ग दंपति की मदद करती नजर आ रही हैं। मालीवाल बुजुर्ग के खंडहर
हो चुके घर में पहुंची और खुद ही झाड़ी लगाने लगीं। इतना ही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से बुजुर्ग की मदद करने की गुहार लगाई। कागज के लिफाफे बेचते हैं अम्मा-बाबा दिल्ली में एक
खंडहरनुमा जगह, जहां ना तो छत ठीक है, ना दीवारें मजबूत। यहीं रहते ये बुजुर्ग अम्मा-बाबा। इनकी उम्र 70 के पार, लेकिन हालात ऐसे कि कागज के लिफाफे बेचकर पेट पालना पड़ रहा है। दो बेटे हैं, लेकिन
दोनों ने मुंह मोड़ लिया। किसी ने दया दिखाई तो अपना टूटा-फूटा घर कुछ दिन रहने के लिए दे दिया, लेकिन वहां ना सोने के लिए गद्दा है, ना गर्मी से बचने के लिए पंखा, और तो और शौचालय तक नहीं है। ये
बात खुद स्वाति मालीवाल ने अपने एक्स पोस्ट में बताई। मदद के लिए आगे आईं स्वाति मालीवाल जब अपने बेटों ने साथ छोड़ा, तब दिल्ली की बेटी स्वाति मालीवाल इनकी मदद के लिए आगे आईं। स्वाति ने ना सिर्फ
इनकी कहानी को दुनिया के सामने लाया, बल्कि मदद का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में स्वाति इन बुज़ुर्गों से मिलती हैं, उनकी
आपबीती सुनती हैं और कहती हैं, 'हम हैं ना, अब आप अकेले नहीं हैं!' मालीवाल ने बुजुर्ग की मदद करने के लिए बैंक अकाउंट भी शेयर किया है। आम लोग भी कर रहे मदद स्वाति मालीवाल की अपील के
बाद कई यूजर्स बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए आगे आए हैं। लोग एक्स पर रिएक्शन भी दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, 'आप जैसे लीडर से निकम्मे नेताओं को सीखने की जरूरत है लाखों नेता हैं देश में पर
आप जैसे अगर दस परसेंट भी बन जाए ये देश सुधर जाए।' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'दिल्ली जैसे शहर में अम्मा-बाबा की ये हालत दिल तोड़ देने वाली है। ज़िंदगी भर मेहनत करने के बाद अगर बुज़ुर्ग
ऐसे हालात में जीने को मजबूर हों, तो ये हमारी इंसानियत पर सवाल है। , आप भी आगे बढ़ें—थोड़ा सा साथ इनके लिए बहुत बड़ा सहारा बन सकता है।'