
दिल्ली के दिलशाद गार्डन में भाई-बहन ने फांसी लगाकर दी जान, बंद फ्लैट में फंदे से लटकी मिली लाशें
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दिल्ली के दिलशाद गार्डन में रविवार सुबह भाई-बहन द्वारा कथित तौर पर एक साथ फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस परिवार और आसपास के लोगों से इनके बारे में जानकारी जुटा रही
है। Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। रजनीश पांडेयSun, 1 June 2025 12:14 PM Share Follow Us on __ दिल्ली के शाहदरा जिले के सीमापुरी स्थित दिलशाद गॉर्डन इलाके में भाई-बहन ने फ्लैट
के अंदर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रविवार सुबह फ्लैट से बदबू आने पर पड़ोसियों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर फ्लैट का दरवाजा तोड़ा, तो घटना का
खुलासा हुआ। भाई-बहन के शव बुरी तरह से सड़ चुके थे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। क्राइम और एफएसएल की टीमों ने घटनास्थल से अहम सुराग जुटाए हैं। मृतकों की
पहचान 32 वर्षीय वीरेश कुमार तोमर और 30 वर्षीय प्रीति उर्फ चिंकी के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से बागपत, यूपी के रहने वाले थे। वीरेश और प्रीति बीते पांच साल से दिलशाद गार्डन के डी-409
फ्लैट में रह रहे थे। इससे पहले वह झिलमिल इलाके में रहते थे। वीरेश एक आईटी कंपनी में नौकरी करता था, जबकि प्रीति एमबीए की पढ़ाई कर रही थी। पुलिस ने बताया कि फ्लैट से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला
है। शवों की हालत देखकर पता चल रहा है कि आत्महत्या दो से तीन दिन पहले की गई होगी। तीन दिन का अखबार भी फ्लैट में जैसे डाला गया था, वैसे ही पड़ा मिला है। हालांकि, पड़ोसियों का दावा है कि
भाई-बहन बीते दस दिनों से कमरे से बाहर नहीं आए थे। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने और मामले की जांच के बाद ही आत्महत्या के कारणों से पर्दा उठ सकेगा। पुलिस आर्थिक तंगी से जूझने
समेत सभी संभावित एंगल पर जांच कर रही है। पड़ोसियों के मुताबिक, रविवार सुबह 7.30 बजे वीरेश के कमरे से असहनीय दुर्गंध आ रही थी। इसके अलावा कमरे से पानी जैसा कुछ तरल पदार्थ भी बाहर निकल रहा था।
दूध लेने के लिए घर से निकले प्रथम तल पर रहने वाले वीरेश के पड़ोसी अशोक सिंह ने यह देखा, तो अन्य पड़ोसियों के अलावा फ्लैट मालिक राजीव और पुलिस को सूचना दी। फ्लैट का दरवाजा तोड़ते ही अंदर का
मंजर देख सभी के होश उड़ गए। भाई-बहन के शव फंदे पर लटके हुए थे। माता-पिता की हो चुकी मौत : मृतकों के रिश्तेदार विकास तोमर ने बताया कि वीरेश के पिता देवेन्द्र तोमर आर्मी में जेसीओ (जूनियर
कमीशन ऑफिसर) थे। साल 2011 में उनकी मौत हो गई थी। वहीं, साल 2021 में वीरेश की मां अनीता की मौत भी बीमारी के कारण हो गई थी। मां की मौत के बाद दोनों बहन-भाई दिल्ली आ गए। इसके बाद वे गांव में
रहने वाले परिवार के सदस्यों से बात नहीं करते थे। उन्हें शादी का एक कार्ड भी भेजा गया था, लेकिन दोनों गांव नहीं गए। सोशल मीडिया पर भी वे सक्रिय नहीं थे। विकास ने दावा किया है कि किसी तरह की
आर्थिक तंगी नहीं थी।