
जेपी के फ्लैट खरीदारों का इंतजार और बढ़ेगा,सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद फंसा पेच
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परियोजना की वर्तमान स्थिति का सर्वे कराने के लिए प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में जमीन की वास्तविक स्थिति क्या है, यहां कितने टॉवर हैं, इनमें पूरे व अधूरों की स्थिति कैसी है
साथ ही अन्य बिंदुओं पर सर्वे कराने के लिए प्राधिकरण की ओर से एफआरपी निकाली गई है। Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाThu, 22 May 2025 09:20 AM Share Follow Us on __ जेपी एसोसिएट्स
लिमिटेड (जेएएल) मामले में सात हजार फ्लैट खरीदारों का इंतजार बढ़ गया है। इसका कारण यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने यीडा को अधूरी परियोजनाओं के निर्माण के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) यानी
निविदा तो जारी करने के आदेश दे दिए है, लेकिन डेवलपर का चयन कोर्ट की अनुमति के बाद ही हो सकेगा। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2009-10 में जेएएल की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल
स्पोर्ट्स को स्पोर्ट्स सिटी विकसित करने के लिए विशेष विकास क्षेत्र योजना के तहत 1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई थी। परियोजना में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट शामिल है, जहां 2023 में मोटोजीपी बाइक
रेस हुई थी। इसके साथ ही सात हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों से जुड़ी 12 आवासीय परियोजनाएं भी शामिल हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में यमुना प्राधिकरण के बकाया भुगतान नहीं करने के कारण जमीन आवंटन रद्द
करने के निर्णय को सही माना था। न्यायालय ने प्राधिकरण को खरीदारों के फ्लैट तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी,लेकिन बीते दिनों मामले को बिल्डर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बिल्डर पक्ष के
अधिवक्ताओं ने कोर्ट में अबतक हुए कार्यों का जिक्र करते हुए बिल्डर के पक्ष में दलीलें दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यीडा को आरएफपी जारी करने के आदेश तो दे दिए है, लेकिन डेवलपर चयनित का
अधिकार नहीं दिया, इसके लिए प्राधिकरण को कोर्ट की अनुमति की जरूरत होगी, ऐसे में परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू होने में समय लग सकता है, जिससे खरीदारों का इंतजार बढ़ेगा, हालांकि मामले में अब
अगली सुनवाई जुलाई में होगी। समिति को मिल चुकी मंजूरी हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने इस मामले में गठित समिति को मंजूरी दे दी है। समिति में प्रमुख सचिव, आवास एवं औद्योगिक विकास
आलोक कुमार को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा यूपी रेरा के चेयरमैन, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, खरीदारों के प्रतिनिधि के रूप में आईआरपी शामिल किया गया है। इसके अलावा बकाया राशि की
प्राप्ति के लिए ओएसडी शैलेंद्र भाटिया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। सर्वे की प्रक्रिया शुरू परियोजना की वर्तमान स्थिति का सर्वे कराने के लिए प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान
में जमीन की वास्तविक स्थिति क्या है, यहां कितने टॉवर हैं, इनमें पूरे व अधूरों की स्थिति कैसी है साथ ही अन्य बिंदुओं पर सर्वे कराने के लिए प्राधिकरण की ओर से एफआरपी निकाली गई है। एजेंसी का
चयन कर परियोजनाओं का सर्वे कराया जाएगा, इसके बाद ही प्राधिकरण की ओर से निर्माण शुरू करने के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।