
दिल्ली : कुत्ते-बिल्लियों के लिए बन रहा श्मशान घाट, पुजारी कराएंगे अंतिम संस्कार
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दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) कुत्तों के लिए सार्वजनिक श्मशान घाट बना रहा है। इसमें कुत्तों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को 15 दिनों तक रखने का इंतजाम होगा। पालतू कुत्तों के
अंतिम... Shivendra Singh प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीMon, 21 Dec 2020 11:00 AM Share Follow Us on __ दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) कुत्तों के लिए सार्वजनिक श्मशान घाट बना रहा है। इसमें
कुत्तों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को 15 दिनों तक रखने का इंतजाम होगा। पालतू कुत्तों के अंतिम संस्कार के लिए वजन के हिसाब से शुल्क देना होगा। आवारा कुत्तों का अंतिम संस्कार मुफ्त
में किया जाएगा। बिल्लियों का भी अंतिम संस्कार किया जाएगा। कुत्तों के लिए श्मशान 700 वर्ग मीटर जगह में द्वारका में बनाया जाएगा। एसडीएमसी जल्द निविदा जारी करेगा। यह पूरी योजना पीपीपी मॉडल पर
आधारित होगी। श्मशान का निर्माण एसडीएमसी करेगी, लेकिन दिल्ली के किसी भी इलाके के लोग इसका प्रयोग कर सकेंगे। अंतिम संस्कार कराने के लिए 30 किलोग्राम तक के कुत्ते के लिए 2,000 रुपए और 30
किलोग्राम से अधिक वजन के कुत्ते के लिए 3,000 रुपए देने होंगे। पालतू कुत्तों के नए पंजीकरण से दक्षिण निगम ने कमाए लाखों रुपए दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने पालतू कुत्तों के नए पंजीकरण और नवीनीकरण
से अब तक चार लाख 12 हजार 500 रुपए की कमाई की है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंजीकरण और नवीनीकरण की यह सुविधा ऑनलाइन दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन किए जा रहे
पालतू कुत्तों के पंजीकरण और नवीनीकरण के तहत अप्रैल 2020 से अब तक पालतू कुत्तों के मालिकों द्वारा 525 नए पंजीकरण कराए गए। अगस्त 2016 से अक्तूबर 2020 तक कुल 2862 पालतू कुत्तों का ऑनलाइन
पंजीकरण तथा 946 पालतू कुत्तों के मालिकों ने उनका ऑनलाइन नवीनीकरण कराया है। सितंबर तक 1952 गैर पालतू कुत्तों का बंध्याकरण किया गया पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि अप्रैल 2020 से सितंबर 2020
तक करीब 1952 गैर पालतू कुत्तों का बंध्याकरण कर दिया गया। वर्तमान में 14 केंद्रों पर गैर पालतू कुत्तों के बंध्याकरण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सेक्टर द्वारका 29 में एक और बंध्याकरण केंद्र
जनवरी 2021 तक शुरू कर दिया जाएगा। मवेशी जन्म नियंत्रण नीति के तहत 23 वार्डों में करीब 80 प्रतिशत गैर पालतू कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है।