
सोच-समझकर करें इस्तेमाल; bbmb ने हरियाणा के लिए छोड़ा पानी तो भगवंत मान ने दी नसीहत
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:

हरियाणा और पंजाब के बीच जल बंटवारे को लेकर पिछले एक महीने से टकराव की स्थिति बनी हुई थी। इस बार विवाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की ओर से हरियाणा के लिए 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त
पानी छोड़ने के फैसले को लेकर था। पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे के नए चक्र की शुरुआत होते ही भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB)ने बुधवार को भाखड़ा नांगल बांध से हरियाणा के लिए पानी छोड़ा
है। इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा को सोच-समझकर और विवेकपूर्ण तरीके से पानी का इस्तेमाल करने की नसीहत दी है। जब भाखड़ा नांगल बांध से पानी छोड़ा जा रहा था, तब पंजाब के
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी (AAP) के समर्थकों को संबोधित किया, जो पिछले एक महीने से बांध पर डेरा डाले हुए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पड़ोसी राज्य के साथ पानी साझा न किया
जाए। मुख्यमंत्री मान ने आप कार्यकर्ताओं से कहा, "नए चक्र के अनुसार पानी छोड़ा गया है, लेकिन हरियाणा को अपने हिस्से का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि पंजाब के पास
अतिरिक्त पानी की एक बूंद भी नहीं है।" मुख्यमंत्री के इस आह्वान के बाद आप कार्यकर्ताओं ने अपना महीने भर का विरोध-प्रदर्शन वापस ले लिया। इस महीने भवगंत मान का भाखड़ा नांगल बांध का यह चौथा
दौरा है। इस दौरान उन्होंने कहा, "हमने बीबीएमबी अधिकारियों को हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने से सफलतापूर्वक रोका। यह पंजाब के लोगों, खासकर आप कार्यकर्ताओं की जीत है, जो यहां पिछले एक
महीने से धरना दे रहे हैं।" पंजाब ने अपने हिस्से का 91% पानी इस्तेमाल किया पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मान ने कहा,"वे दिन चले गए, जब पंजाब अपने हिस्से का पानी साझेदार
राज्यों के साथ साझा करता था। पिछली सरकारों ने राज्य के हिस्से का पूरा इस्तेमाल नहीं किया लेकिन हमारी सरकार अपने हिस्से का एक बूँद भी हरियाणा के साथ साझा नहीं करेगी। यह पहली बार है जब पंजाब
ने अपने हिस्से का अधिकतम पानी यानी 91% खुद इस्तेमाल किया है।" दोनों राज्यों के बीच क्या विवाद? बता दें कि दोनों राज्यों के बीच पिछले महीने यानी 23 अप्रैल से ही जल बंटवारे को लेकर विवाद
चल रहा है, जिसमें भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा बीबीएमबी से बांध से 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के अनुरोध पर आपत्ति जताई
थी। भाजपा सरकार की यह मांग उसके सामान्य हिस्से से 4,500 क्यूसेक अधिक है, क्योंकि हरियाणा ने अपने पश्चिमी जिलों में पेयजल की कमी का हवाला दिया था। BBMB के सदस्य राज्यों राजस्थान और दिल्ली ने
इसके पक्ष में मतदान किया जबकि हिमाचल प्रदेश ने मतदान में भाग नहीं लिया। इसके बाद बीबीएमबी ने हरियाणा के अनुरोध को मंजूरी दे दी लेकिन पंजाब ने इस कदम के खिलाफ मतदान किया और आप कार्यकर्ताओं ने
अधिशेष मात्रा को छोड़ने से रोकने के लिए नांगल बांध के गेट की घेराबंदी कर दी। ये भी पढ़ें:सिख गुरुओं पर AI वीडियो बना विवादों में घिरे ध्रुव राठी, पंजाब से दिल्ली तक रोष ये भी पढ़ें:कहां तैनात
है सेना, दुश्मन को मिल रही थी खबर; पंजाब में जासूसी रैकेट का पर्दाफाश ये भी पढ़ें:ये भगवान का न्याय; पंजाब-हरियाणा जल विवाद पर ऐसा क्यों बोली AAP? नए चक्र में कैसे जल बंटवारा इसके बाद दोनों
राज्यों के बीच विवाद गहरा गया। बाद में काफी कोशिशों के बाद BBMB ने 15 मई को एक बैठक में जल बंटवारे के नया चक्र तय किया जिसमें यह फैसला लिया गया कि बुधवार यानी 21 मई से पंजाब को 17,000
क्यूसेक, राजस्थान को 12,400 क्यूसेक और हरियाणा को 10,300 क्यूसेक पानी मिलेगा। मान ने कहा कि पिछले चक्र के अनुसार हरियाणा को 15.06 लाख क्यूसेक पानी आवंटित किया गया था जो मंगलवार को पूरा हो
गया। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा ने आवंटित हिस्से की जगह 16.48 लाख क्यूसेक रानी का इस्तेमाल किया है। इसके बाद भी पंजाब के कोटे से आतिरिक्त पानी मांग रहा था, जिसकी इजाजत हमने नहीं दी।