
राजस्थान पुलिस ने दबोचा एके-47 हमले का मास्टरमाइंड राजवीर गुर्जर,बहरोड़ थाने पर किया था हमला
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राजस्थान पुलिस की गैंगस्टर रोधी टास्क फोर्स (एजीटीएफ) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने बहुचर्चित बहरोड़ थाने पर हुए हमले के मुख्य आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर राजवीर गुर्जर
उर्फ लारा को हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार कर लिया है। राजस्थान पुलिस की गैंगस्टर रोधी टास्क फोर्स (एजीटीएफ) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने बहुचर्चित बहरोड़ थाने पर हुए हमले के मुख्य
आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर राजवीर गुर्जर उर्फ लारा को हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी लंबे समय से फरार चल रहे राजवीर को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे विशेष
अभियान ‘ऑपरेशन लारा’ के तहत की गई है। अधिकारियों के अनुसार, गैंगस्टर राजवीर गुर्जर वर्ष 2019 में बहरोड़ थाना (अलवर) पर एके-47 और अन्य अत्याधुनिक हथियारों से किए गए हमले का प्रमुख साजिशकर्ता
था। इस हमले में आरोपी और उसके साथी करीब 30 से अधिक बदमाशों के साथ थाने में घुसे थे और वहां से गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को फरार करा ले गए थे। इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर
गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। अतिरिक्त महानिदेशक (एजीटीएफ) दिनेश एमएन ने बताया कि यह हमला 5 और 6 सितंबर 2019 की दरमियानी रात को हुआ था। इससे एक दिन पहले हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर पपला गुर्जर
को बहरोड़ पुलिस ने एक कार और 31.90 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया था। मगर अगले ही दिन, पूरी तरह से सुसज्जित गिरोह ने थाने पर धावा बोलकर उसे छुड़ा लिया। इस सनसनीखेज मामले के बाद पुलिस ने
व्यापक स्तर पर जांच और धरपकड़ अभियान शुरू किया। इसके अंतर्गत अब तक 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पपला गुर्जर को जनवरी 2021 में उसकी महिला मित्र जिया के साथ महाराष्ट्र के कोल्हापुर
से गिरफ्तार किया गया था। दिनेश एमएन ने बताया कि आरोपी राजवीर गुर्जर की गिरफ्तारी एजीटीएफ के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 'ऑपरेशन लारा' के तहत की गई इस कार्रवाई में यह सामने आया कि
आरोपी पुलिस की निगाहों से बचने के लिए न तो मोबाइल फोन रखता था और न ही किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय था। यह सावधानी उसे अब तक फरार रहने में मदद कर रही थी। पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के
बाद बड़ी सफलता तब मिली जब उसकी निशानदेही पर एके-56 राइफल, दो मैगजीन और सात जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इस बरामदगी ने पुलिस के उस संदेह को पुख्ता कर दिया कि गैंग अब भी भारी हथियारों से लैस है।
राजस्थान पुलिस की इस कार्रवाई को राज्यभर में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। एजीटीएफ की यह तत्परता और गुप्त सूचना तंत्र की कुशलता से यह साफ हो गया है कि अपराधियों के लिए कोई भी
कोना सुरक्षित नहीं है। अधिकारी अब राजवीर से गहन पूछताछ कर गैंग के अन्य सदस्यों और संभावित हमलों की जानकारी जुटाने में जुटे हैं। पुलिस ने इस गिरफ्तारी के माध्यम से एक बार फिर यह स्पष्ट कर
दिया है कि राज्य में कानून के शासन को चुनौती देने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।