
बार और बेंच को मिलकर करना होगा काम, सीजेआई ने प्रयागराज से दिया संदेश
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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर्स व मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन किया। इस मौके पर कहा कि बार और बेंच को मिलकर काम करना होगा। देश
के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर्स व मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन किया। कहा कि सरकार ने और उच्च न्यायालय ने सिर्फ जजेज और वकीलों
का ही नहीं, बल्कि जो वादकारी हैं उनका भी ध्यान रखा है। हमें बताया गया है कि नवनिर्मित भवन के पास का जो भूखंड है वहां पर भी एक बड़ा निर्माण होगा, वहां जो वादकारी आते हैं उनके लिए भी बड़ी
सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें विकलांग, महिलाओं समेत सभी के लिए खास सुविधा होगी। यह सब बातें दिखाती है कि हम सिर्फ वकीलों या न्यायमूर्तियों के लिए नहीं, बल्कि देश के नागरिकों के लिए भी कार्य
करते हैं, जो न्यायपालिका में न्याय की आस में आता है। जस्टिस गवई ने कहा कि इस अवसर पर खासकर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों का भी जिक्र करना चाहता हूं जिन्होंने इस इमारत के लिए अपने बंगले का
बलिदान किया। बार और बेंच के बीच यह अनूठी मिसाल है। जब तक बार और बेंच साथ में काम नहीं करते तब तक न्याय के रथ को आगे नहीं बढ़ा सकते। मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों के लिए इतनी बड़ी सुविधा के लिए
फंड उपलब्ध कराने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी आभार व्यक्त किया। कहा कि अहिल्याबाई होल्कर जिन्होंने भारत में एक सामाजिक न्याय की भावना से कार्य किया उनकी जयंती के अवसर पर आज इस भवन का
उद्घाटन होना हमारे लिए गौरव की बात है। ये भी पढ़ें:स्टॉर्ट करते ही आग का गोला बनी बुलेट, पास खड़ी स्कूटी भी जलकर हुई खाक सामाजिक-आर्थिक समानता के लिए हुए बड़े काम मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब
25 नवंबर 1949 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने भारत के संविधान का अंतिम ड्राफ्ट संविधान सभा के सामने रखा था तब उन्होंने जो भाषण दिया वह हमारे देश को दिशा देने वाला था। उन्होंने उस समय
चेतावनी दी थी कि जब तक हम सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर नहीं करेंगे तब तक इस देश में सही मायनों में जनतंत्र का निर्माण नहीं हो पाएगा। आज हम देखते हैं कि जो हमारे 75 साल की यात्रा रही
उसमें हमारी कार्यपालिका और न्यायपालिका ने भारत में समानता के साथ सामाजिक और आर्थिक समानता लाने के लिए बड़ा योगदान दिया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जैसा कि मुख्यमंत्री ने भी कहा कि हमारे संविधान
ने 75 वर्ष के कालखंड में देश को प्रगति की ओर मजबूती से आगे बढ़ाया है। जब संविधान बन रहा था, तब कहा गया कि संविधान बहुत ज्यादा फेडरल (संघीय) है। तब बाबा साहब ने जवाब दिया था कि यह ऐसा
संविधान है जो शांति और युद्ध दोनों ही स्थितियों में भारत को एक और मजबूत रखेगा। ये भी पढ़ें:राजीव कृष्ण बने यूपी के DGP तो अखिलेश ने कसा तंज- डबल इंजन एक अफसर नहीं चुन सकते प्रयागराज पावरफुल
लोगों की भूमि मुख्य न्यायधीश ने कहा कि मुझे आनंद है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद पहले आधिकारिक कार्यक्रम में ही मुझे प्रयागराज की पुण्यभूमि पर आने का अवसर मिला
है। प्रयागराज से हमारा बहुत नजदीक का रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि अभी मंच पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि योगी आदित्यनाथ इस देश के सबसे पावरफुल और कर्मठ मुख्यमंत्री हैं।
मैं कहना चाहूंगा कि इलाहाबाद की भूमि ही पावरफुल लोगों की है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में प्रयागराज की भूमि का बहुत गरिमामयी योगदान है। विधिक क्षेत्र में इस भूमि का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा
जाता है। स्वतंत्रता के पूर्व देश के जो चंद सबसे अच्छे वकील गिने जाते थे उनमें मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू ऐसे अनेक विद्वानों का नाम लिया जाता है। इसी प्रकार से भारत का
जो हिंदी साहित्य है उसमें भी प्रयागराज के काफी विद्वान जैसे महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, अकबर इलाहाबादी, धर्मवीर भारती, सुभद्रा कुमारी चौहान
का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत के स्वतंत्रता के इतिहास में चंद्रशेखर आजाद का बलिदान को भी पूरा देश मानता है। ये भी पढ़ें:बिजली बिल बकाया होने पर सपा कार्यालय का कटा कनेक्शन, टोरंट पावर ने लिया
एक्शन ऐसी सुविधा पूरी दुनिया में कहीं नहीं सीजेआई ने कहा कि आज इस भव्य इमारत का उद्घाटन करके हम देश के नागरिकों को इसे समर्पित कर रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय, उसके मुख्य न्यायाधीश, सभी
न्यायमूर्ति और उच्च न्यायालय के वकील संघ के सभी सदस्यों का अभिनंदन करना चाहूंगा कि पूरे देश के वकील संघ को एक ईर्ष्या आ जाए ऐसी भव्य इमारत आपको मिली है। मैं देश में काफी घूमता रहता हूं, बाहर
भी काफी गया हूं, लेकिन पूरी दुनिया में कहीं भी अधिवक्ताओं के लिए इतनी बड़ी इमारत और इतनी सुविधा नहीं देखी है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि उन्होंने इतनी बड़ी मात्रा
में फंड दिया। यही नहीं, मुख्यमंत्री के प्रयासों से सभी जनपदों में भी न्यायिक इमारतों पर काम किया जा रहा है। इसमें न्यायमूर्तियों के साथ ही पक्षकारों, वादकारियों और वकीलों के लिए सभी सुविधाएं
दी जाएंगी।