गोरखपुर में मिल रहे कम ऑक्सीजन वाले मरीज, आगरा में भी कोरोना से मिलता-जुलता फ्लू
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गोरखपुर में अभी कोविड की जांच शुरू नहीं हुई है। वहीं आगरा में भी कोविड के लक्षणों वाला फ्लू फैल रहा है। तेज बुखार के साथ कई तरह की दिक्कतें भी साथ में हैं। यह कोविड है या फ्लू, समझ में आना
मुश्किल है। चूंकि जांच नहीं हो रही, इसलिए डॉक्टर भी सामान्य फ्लू या इन्फ्लूएंजा की दवाएं चला रहे हैं। पूर्वी यूपी में कोरोना जैसे लक्षण वाले मरीज मिल रहे हैं। मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन लेवल
तेजी से गिरने लग रहा है। चेस्ट फिजिशियन और जनरल फिजिशियन के पास ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों का लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है। गोरखपुर में अभी कोविड की जांच शुरू नहीं हुई है।
वहीं ताजनगरी आगरा में भी कोविड के लक्षणों वाला फ्लू फैल रहा है। तेज बुखार के साथ कई तरह की दिक्कतें भी साथ में हैं। यह कोविड है या फ्लू, समझ में आना मुश्किल है। चूंकि जांच नहीं हो रही, इसलिए
डॉक्टर भी सामान्य फ्लू या इन्फ्लूएंजा की दवाएं चला रहे हैं। वहीं अलीगढ़ में शनिवार को पहला केस सामने आने के बाद निगरानी तंत्र को एक बार फिर एक्टिव किया जा रहा है। गोरखपुर में कोरोना की जांच
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, एम्स, जिला अस्पताल, 22 सीएचसी के अलावा करीब 150 प्राइवेट पैथोलॉजी पर भी होती है। ज्यादातर पैथोलॉजी पर रैपिड किट से जांच का इंतजाम है। इसके अलावा ट्रूनेट और आरटीपीसीआर
से भी जांच की जाती है। जिले में किसी सेंटर पर कोविड जांच शुरू नहीं हुई है। ये भी पढ़ें:सजायाफ्ता को छुड़ाने की थी पति-पत्नी की प्लानिंग, एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार तेजी से गिर रहा है ऑक्सीजन का
लेवल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चेस्ट फिजिशियन डॉ अश्वनी मिश्रा ने बताया कि ओपीडी में इक्का दुक्का मरीज आ रहे हैं, जिनके ऑक्सीजन लेवल में आश्चर्यजनक रूप से तेजी से गिरावट हो रही है। यह कोविड का
संकेत हो सकता है। 58 पहुंच गया था एसपीओटू चेस्ट फिजिशियन डॉ वीएन अग्रवाल ने बताया कि शरीर में ऑक्सीजन लेवल का मापन एसपीओटू से किया जाता है। यह 96 से अधिक होना चाहिए। पिछले 5-6 दिनों से
रोजाना ओपीडी में एक मरीज ऐसा जरूर मिल रहा है। जिसके शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। एक मरीज का एसपीओटू 58 मिला। वह आईसीयू में है। एक पैथोलॉजी से विशेष आग्रह कर दो मरीजों की कोविड जांच भी
करवाई। दोनों की रिपोर्ट निगेटिव रही। ये भी पढ़ें:2 साल में 2 बार गर्भवती, जानें मेटरनिटी लीव के लिए क्यों लेनी पड़ी कोर्ट की शरण? दंपति में मिला आक्सीजन का लेवल कम गोरखनाथ चिकित्सालय के
फिजिशियन डॉ संजीव गुप्ता भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। उन्होंने कहा कि ओपीडी में बीमार दंपति आए। दोनों के शरीर में ऑक्सीजन लेवल 70 से कम था। हालांकि महिला की हालत ज्यादा खराब थी। उन्हें भर्ती
करना पड़ा। अभी कहीं जांच शुरू नहीं हुई है। यह नहीं पता चला कि कोविड हुआ या नहीं। इलाज से दोनों ठीक हैं। आगरा में कोविड जैसा फ्लू आगरा में करीब 10 दिनों से कोरोना जैसे लक्षणों वाले फ्लू के
मामलों में तेजी आ रही है। तेज और चढ़ता-उतरता बुखार हो रहा है। साथ में जुकाम, खांसी के साथ बदन दर्द, सिरदर्द, पीठ और जोड़ों में दर्द की शिकायतें हैं। अमूमन हर उम्र पर इसका असर है। मगर 14 साल
तक के बच्चों में यह दिक्कतें रफ्तार के साथ बढ़ रही हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग की ओपीडी में करीब 60 फीसदी मरीज इन्हीं लक्षणों वाले हैं। बुखार पांच से सात दिनों में भी नहीं उतर
रहा है। पीड़ितों को कोविड का शक हो रहा है, लेकिन जांच का इंतजाम नहीं है। मरीजों के दबाव डालने पर डॉक्टर निजी पैथोलाजी लैब भेज देते हैं। शहर की कुछ ही बड़ी लैब में कोविड जांच के लिए
आरटी-पीसीआर मशीन की व्यवस्था है। अन्य मामलों में लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है। गोलमोल है शासन की गाइडलाइन कोविड के मामले में शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। मगर इसमें कुछ
स्पष्ट नहीं है। इसके मुताबिक निगरानी बढ़ाई जाए। फ्लू के लक्षणों वाले मरीजों को अलग किया जाए। इनकी आरटी-पीसीआर जांच कराई जाए। अगर पॉजीटिव आते हैं तो इलाज का बंदोबस्त किया जाए। हकीकत यह कि
स्वास्थ्य विभाग जांच ही नहीं करा रहा है। बुखार में परामर्श से ही खाएं कोई दवा डॉक्टरों के मुताबिक इन परिस्थितियों में बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, सिरदर्द, बदन दर्द की शिकायत होने पर अलग से
दवा की जरूरत है। इन्हें लेने के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। खुद किसी तरह की एंटीबायोटिक नहीं लेनी है। बुखार के मामले में लोग हर चार घंटे बाद 500 एमजी की पैरासिटामोल ले सकते हैं। मगर यह भी
परामर्श के बाद लेनी चाहिए। एसएनएमसी के प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन डॉ.प्रभात अग्रवाल ने बताया कि कोविड और इन्फ्लूएंजा के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। मगर बिना आरटी-पीसीआर जांच के स्पष्ट होना मुश्किल है।
इसलिए लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जा रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों की आरटी-पीसीआर कराने की व्यवस्था है। ये भी पढ़ें:मऊ में चुनाव की नौबत आती है तो...अब्बास अंसारी केस में ओपी
राजभर की दो टूक अलीगढ़ में कोरोना का पहला केस 2023 के बाद पहली बार अलीगढ़ में कोरोना वायरस का नया मामला सामने आया है। एक निजी हॉस्पिटल में पुष्टि के बाद संक्रमित मरीज को जेएन मेडिकल कॉलेज
रेफर किया गया। रविवार को उसे दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोरोना का नया मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। निगरानी तंत्र को फिर से सक्रिय किया जा रहा है।
बन्नादेवी क्षेत्र की सुरक्षा विहार कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय युवक कोरोना संक्रमित मिला है। चिकित्साधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से युवक सर्दी, जुकाम, खांसी, सिरदर्द की समस्या से जूझ
रहा था। 28 मई को एक निजी अस्पताल में उपचार कराया। लाभ नहीं मिला तो दूसरे अस्पताल पहुंचा। तबीयत बिगड़ने लगी तो शनिवार को आगरा रोड स्थित निजी अस्पताल में दिखाया। कोरोना के लक्षण मिलने पर यहां
एंटीजन किट से जांच हुई, जिसमें वह संक्रमित मिला। तब उसे जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। जिले से लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजी रिपोर्ट अलीगढ़ में कोरोना संक्रमित मिलने की रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय
भेजी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले की तरह टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति पर फिर से काम शुरू कर दिया है। जिला सर्विलांस टीम को एक्टिव किया गया है। संदिग्ध मामलों की पहचान के लिए
रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। लोगों से सावधानी बरतने के लिए भी कहा जा रहा है। अस्पताल में 25 बेड का आईसोलेशन वार्ड तैयार पूर्व के अनुभवों को देखते हुए अस्पतालों में
ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा शुरू कर दी है। शनिवार को मॉक ड्रिल भी हुई थी। दीनदयाल अस्पताल में तीन ऑक्सीजन प्लांट में दो संचालित हैं, एक की रिपेयरिंग चल रही
है। 25 वार्ड का आइसोलेशन वार्ड पहले ही तैयार कर दिया गया। जिला अस्पताल व महिला अस्पताल में प्लांट संचालित हैं। ये भी पढ़ें:संबंध बना लो, प्रोफेसर बना दूंगा; पूर्व छात्रा नेखोले कॉलेज टीचर के
राज निजी अस्पतालों में 2000 में हो पा रही जांच पैथोलॉजी पर आरटीपीसीआर जांच की कीमत 900 से 1000 रुपए है, वहीं निजी अस्पतालों में यह दो हजार तक पहुंच रही है। मरीजों के तीमारदार सुविधा शुल्क
चुकाने को मजबूर हैं उन्हें रिपोर्ट जल्द चाहिए। शहर की कुछ बड़ी पैथोलॉजी लैब में ही आरटीपीसीआर मशीनें हैं। निजी अस्पतालों से नमूने भी इन्हीं लैब में भेजे जा रहे हैं। निजी अस्पताल अब सर्जरी से
पहले हर मरीज की एंटीजन जांच करा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही ऑपरेशन होता है। परिजनों से घर में ही रहने की अपील रविवार को उसे मेडिकल कॉलेज से दीनदयाल अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
कराया गया। युवक की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। सोमवार को आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है। परिवार वालों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है।
इनकी भी जांच होगी।