
आप चिंता न करें सर... रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर की जान बचाने के लिए देवदूत बनी उत्तराखंड sdrf
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उत्तराखंड SDRF ने यमुनोत्री में रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर की जान बचाई, जो सीने में दर्द से परेशान थे। श्री बद्रीनाथ धाम में भी ठंड से बेहोश युवक को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाया।
उत्तराखंड की पहाड़ियों में, जहां हर कदम पर खतरा और चुनौती छिपी होती है, वहां की स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) एक बार फिर लोगों की मदद के लिए फरिश्तों की तरह सामने आई है। इस बार उनका
मिशन था एक रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर की जान बचाना, जो यमुनोत्री की ओर दर्शन करने निकले थे, लेकिन अचानक सीने में दर्द के कारण मुश्किल में पड़ गए। 'हम ऑन ड्यूटी हैं' रिटायर्ड सब
इंस्पेक्टर, जो अपनी उम्र के बावजूद आध्यात्मिक यात्रा पर निकले थे, अचानक सीने में दर्द महसूस करने लगे। ऐसे में SDRF की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सहायता प्रदान की। टीम के सदस्यों
ने उन्हें आश्वासन दिया, 'आप चिंता न करें सर, हम ऑन ड्यूटी हैं!' यह न केवल एक वादा था, बल्कि एक प्रतिबद्धता थी, जो उन्होंने पूरी की। SDRF की टीम ने तुरंत मेडिकल सहायता पहुंचाई और
रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उनकी त्वरित और कुशल कार्रवाई ने न केवल एक जीवन बचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि ड्यूटी कभी रिटायर नहीं होती। चाहे आप सक्रिय सेवा में हों
या रिटायरमेंट के बाद, SDRF हमेशा तैयार रहती है। बद्रीनाथ धाम पर भी बचाई शख्स की जान इसके अलावा श्री बद्रीनाथ धाम में नाग नागिन मंदिर के पास एक और घटना घटी, जहां एक युवक ठंड के कारण बेहोश हो
गया। यहां भी SDRF की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए युवक को प्राथमिक उपचार प्रदान किया। उन्हें नजदीकी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर है। ये दोनों घटनाएं SDRF की
प्रतिबद्धता और त्वरित प्रतिक्रिया की मिसाल हैं। चाहे वह एक रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर हों या एक युवक, SDRF की टीम हर किसी की मदद के लिए तैयार रहती है। उनकी मेहनत और समर्पण ने एक बार फिर साबित कर
दिया कि उत्तराखंड की पहाड़ियां, चाहे कितनी भी खतरनाक क्यों न हों, SDRF की मौजूदगी में सुरक्षित हैं।