Chat gpt बना वकील, एयरलाइन और होटल से दिलाया दो लाख का रिफंड; जानें पूरा मामला?

Chat gpt बना वकील, एयरलाइन और होटल से दिलाया दो लाख का रिफंड; जानें पूरा मामला?


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CHAT GPT NEWS: अमेरिका ने एक व्यक्ति ने एयरलाइन और होटल से रिफंड पाने के लिए चैट जीपीटी को अपने वकील के तौर पर इस्तेमाल किया। एआई ने अपने काम को बखूबी तौर पर अंजाम देते हुए व्यक्ति को 2500


डॉलर यानि की करीब 2 लाख रुपए का रिफंड दिलवाया Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 11:28 AM Share Follow Us on __ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश हमारी दुनिया में एक बड़ी खोज साबित हो रही


है। धीरे-धीरे यह हमारी रोजमर्रा की जरूरतों में भी दखलअंदाजी करती जा रही है। कई लोगों का मानना है कि आने वाले कुछ ही समय में इससे इंसानों की नौकरियों के ऊपर खतरा मंडराना शुरू हो जाएगा।


हालांकि कई लोगों का कहना है कि इससे ज्यादा खतरा नहीं है, जो पेशेवर नौकरियां हैं उन्हें इससे खतरा नहीं है। लेकिन अमेरिका में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर चैट जीपीटी ने वकील बनकर शख्स को


2 लाख का मुआवजा दिलवाया है। व्यक्ति ने इस पूरे घटनाक्रम को सोशल मीडिया साइट रैडिट पर सार्वजनिक किया। उसने लिखा, "मैं कोलंबिया से मेडेलिन जाने वाला था। मैंने फ्लाइट के टिकिट्स.. वहां पर


होटल रूम आदि सब बुक कर लिए थे लेकिन अंतिम समय मुझे मेडीकल इमरजेंसी के चलते अपनी इस यात्रा को रद्द करना पड़ा। जब मैंने रिफंड की मांग की तो होटल और एयरलाइन दोनों ने ही ऐसा कुछ करने से इनकार


कर दिया।" उसने बताया कि होटल की तरफ से मुझसे कहा गया कि हमारे यहां नो-कैंसिलेशन पॉलिसी का पालन किया जाता है, यही जवाब एयरलाइन का भी था। यहां मुझे करीब 2500 डॉलर की चपत लगने वाली थी।


मेरा मन थोड़ा उदास हुआ लेकिन तभी मैंने चैट जीपीटी से मदद मांगने की कोशिश की। मैंने वहां पर प्रोम्प्ट डाला कि मेरे लिए वकालत करो। मैंने पूरी जानकारी चैटजीपीटी में डाली और वकील के तौर पर एक


लेटर तैयार करने को कहा। चैट जीपीटी ने जल्दी ही मेरी कमांड को मानते हुए तमाम न्याय व्यवस्था की किताबें खंगाल डाली और मेरे पक्ष में एक पत्र लिखा डाला। मैंने इस हिसाब से यह पत्र होटल और एयर


लाइन को भेजा। ऐसे में होटल ने तो कुछ अनिच्छा जाहिर करते हुए मुझे पैसा रिफंड कर दिया लेकिन एयरलाइन अभी भी मानने को तैयार नहीं थी। एयरलाइन का कहना था कि रिफंड केवल मृत्यु या फिर घातक बीमारी के


कारण ही संभव है। इसके बाद मैंने फिर से चैटजीपीटी का रुख किया और उनकी प्रतिक्रिया बताते हुए नया लैटर तैयार करने को कहा। उसने मेरी बीमारी को सामने रखते हुए मेरा पक्ष मजबूती के साथ रखा और


एयरलाइन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। मैंने चैट जीपीटी से लिखा पत्र वापस से एयरलाइन को भेज दिया और लगभग एक ही घंटे बाद एयरलाइन ने मेरे पैसों को रिफंड कर दिया। व्यक्ति ने लिखा, "अगर


मैंने चैट जीपीटी का इस्तेमाल नहीं किया होता तो फिर मुझे एक वकील को रखना पड़ता, जिसकी फीस भी देनी पड़ती। यकीन नहीं होता चैट जीपीटी ने मुझे 2500 डॉलर खोने से बचाया है।