मॉनसून को लेकर आ गई बड़ी खुशखबरी, इस तारीख से फिर शुरू होगी झमाझम बारिश

मॉनसून को लेकर आ गई बड़ी खुशखबरी, इस तारीख से फिर शुरू होगी झमाझम बारिश


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शानदार शुरुआत के बाद 29 मई से ही मॉनसून थमा हुआ है। हालांकि, अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि एक सप्ताह बाद फिर मॉनसून रफ्तार पकड़ सकता है। केरल में जल्दी एंट्री के बाद भी धीमा पड़ा मॉनसून के


फिर रफ्तार पकड़ने के आसार हैं। हालांकि, इसके लिए अभी करीब एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ सकता है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून 12 जून के बाद आगे बढ़ सकता है। सामान्य तौर


पर 1 जून को केरल पहुंचने वाला मॉनसून 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही दस्तक दे चुका है। शानदार शुरुआत के बाद 29 मई से ही मॉनसून थमा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अुसार, IMD यानी भारत


मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में 12-13 जून एक सिस्टम तैयार हो सकता है, लेकिन आउटपुट मॉडल्स के अलग नतीजों के कारण अनिश्चितताएं बनी हुईं हैं। अखबार से बातचीत


में उन्होंने कहा, 'कुछ मॉडल सिस्टम तैयार होने की बात कह रहे हैं, जबकि, अन्य ऐसा नहीं कह रहे। हम पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं और इसलिए इसे अपने पूर्वानुमान में शामिल नहीं किया।'


हालांकि, IMD का पूर्वानुमान संकेत दे रहा है कि मॉनसून 12 जून से 18 जून के बीच मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ सकता है। पूर्वानुमान से संकेत ये भी मिल रहे हैं कि इस


अवधि में मॉनसून फिर रफ्तार पकड़ सकता है। इस दौरान मध्य भारत, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में झमाझम बारिश हो सकती है। IMD के अधिकारी ने कहा, 'फिर सक्रिय होने के


बाद मॉनसून का अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ना बारिश और मॉनसूनी हवाओं के जमने पर निर्भर करता है।' कैसी होगी बारिश संभावनाएं जताई जा रही हैं कि 12 से 18 जून के बीच दक्षिण प्रायद्वीपीय में


बारिश की गतिविधियां सामान्य से अधिक, मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से सामान्य से अधिक और उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर में सामान्य से कम रह सकती हैं। इधर, स्काईमेट वेदर एजेंसी ने


बंगाल की खाड़ी में संभावित सिस्टम को लेकर कहा, '10 जून तक पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती सर्कुलेशन बन सकता है। इसे दोबारा संगठित होने में 48 घंटे और लगेंगे।' अखबार के


अनुसार, स्काईमेट के अध्यक्ष जीपी शर्मा कहते हैं कि यह सिस्टम 11 जून से तटीय क्षेत्रों में मौसम गतिविधि को सक्रिय कर सकती है। स्काईमेट ने 12 से 17 जून के बीच मॉनसून के फिर रफ्तार पकड़ने का


अनुमान लगाया है।