
लाकडाउन का पालन कराने दिनरात डटे हैं जवान और कर्मचारी
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जिले में लाकडाउन का पहले दिन में सुबह से ही सड़के सूनी रहीं। चौक चौराहों पर जवान तैनात रहे और रातभर वार रूम में कर्मचारी डटे रहे। सुकमा जिले से ओडिशा, तेलंगाना व महाराष्ट्र की अंतरराज्यीय
सीमाएं लगती हैं। इस रास्ते से दूसरे प्रदेशों के मजदूर लौट रहे हैं। By NAI DUNIA NEWS NETWORK Edited By: NAI DUNIA NEWS NETWORK Publish Date: Thu, 22 Apr 2021 07:18:09 AM (IST) Updated Date:
Thu, 22 Apr 2021 07:18:09 AM (IST) सुकमा (नईदुनिया न्यूज)। जिले में लाकडाउन का पहले दिन में सुबह से ही सड़के सूनी रहीं। चौक चौराहों पर जवान तैनात रहे और रातभर वार रूम में कर्मचारी डटे रहे।
सुकमा जिले से ओडिशा, तेलंगाना व महाराष्ट्र की अंतरराज्यीय सीमाएं लगती हैं। इस रास्ते से दूसरे प्रदेशों के मजदूर लौट रहे हैं। लाकडाउन में बस व अन्य वाहनों की आवाजाही लगभग बंद रही, जिसके कारण
मजदूर पैदल ही आते-जाते दिखाई दिए। बुधवार को संपूर्ण जिले में लाकडाउन का असर देखने को मिला। जिला मुख्यालय में लाकडाउन के साथ ही मौसम खराब रहा। मंगलवार को रात में बारिश के बीच भी जवान डटे रहे।
सुबह हर चौराहे पर जवान मुस्तैद नजर आए। पुलिस जवानों के अलावा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमें जिला मुख्यालय के अलावा जिले के दो अन्य नगरों दोरनापाल व कोंटा के हर वार्ड में तैनात
रही। दूसरे राज्य से आने वालों को क्वारेंटीन करने से लेकर मरीजों को अस्पताल ले जाने व घर पर आइसोलेट करने की जिम्मेदारी इनके कंधों पर है। जिले की 153 पंचायतों में भी टीम बनाई गई है। इन टीमों
को पंचायतों में क्वारेंटीन सेंटर बनाने व जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए वार रूम में रातभार कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला। रात 12 बजे के बाद भी
डाक्टर मौजूद रहे। कंट्रोल रूम में आने वाले हर फोन का दिनरात जवाब दिया जा रहा है। सीमाएं सील हुईं बस्तर संभाग के सातों जिलों में लाकडाउन है। सीमावर्ती आंध्रप्रदेश, तेलंगाना व ओडिशा की सीमाएं
सील कर दी गई हैं। वाहनों का आवागमन न के बराबर है। दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे मजदूर अब लौटने लगे हैं। हालांकि वाहन न चलने से उन्हें पैदल ही आना पड़ रहा है।