चैत्र नवरात्र पर मंदिरों में जगमगाई आस्था की जोत

चैत्र नवरात्र पर मंदिरों में जगमगाई आस्था की जोत


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मां अंबे का भक्तिपूर्ण पूजन का पर्व चैत्र नवरात्र मंगलवार 13 अप्रैल से प्रारंभ हो गया। कोरोना काल में इस बार यह पर्व सादगी से मनाया जा रहा है। देवी मंदिरों मंदिर के पुजारी माता By NAI DUNIA


NEWS NETWORK Edited By: NAI DUNIA NEWS NETWORK Publish Date: Tue, 13 Apr 2021 11:08:52 PM (IST) Updated Date: Tue, 13 Apr 2021 11:08:52 PM (IST) धमतरी। मां अंबे का भक्तिपूर्ण पूजन का पर्व


चैत्र नवरात्र मंगलवार 13 अप्रैल से प्रारंभ हो गया। कोरोना काल में इस बार यह पर्व सादगी से मनाया जा रहा है। देवी मंदिरों मंदिर के पुजारी माता की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को


रोकने इस बार श्रद्धालुओं को माता का दर्शन नहीं हो पा रहा है। श्रद्धालु घर पर रहकर माता की आराधना कर रहे हैं। शहर की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर (बिलाई माता) समेत अन्य देवी


मंदिरों में शुभ मुहूर्त में दीप प्रज्वलन किया गया। देर शाम से मनोकामना जोत से जगमगाने लगे। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित देवी मंदिरों में चैत्र नवरात्र से भक्ति पूर्ण माहौल बनना शुरू


हो गया है। मंगलवार को शहर के विभिन्न मंदिरों में नौ दिनों के लिए मनोकामना जोत प्रज्वलित किए गए हैं। शाम को शुभ मुहूर्त में पंडितों ने जोत प्रज्वलित किए। इस साल चैत्र नवरात्र पर विंध्यवासिनी


मंदिर में 1002, अंगारमोती मंदिर में 1355, दंतेश्वरी मंदिर रिसाईपारा में तेल एवं घी के 97, सोरिद काली मंदिर में 35, शीतला मंदिर, दुर्गा मंदिर पवार हाउस, काली मंदिर नया बस स्टैंड, काली मंदिर


रुद्री रोड, रिसाईमाता मंदिर, डाकबंगला वार्ड स्थित काली मंदिर, हटकेशर के कामना मंदिर, दानीटोला वार्ड स्थित शीतला मंदिर, शिव चौक स्थित वैष्णव मंदिर, गायत्री मंदिर, बस स्टैंड स्थित काली मंदिर,


रत्नाबांधा के रत्नेश्वरी मंदिर, बठेना स्थित दुर्गा मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में मनोकामना जोत प्रज्वलित की गई हैं। चैत्र नवरात्र में उपवास रखकर देवी अराधना करने करने वाले व्रतधारी


श्रध्दालु फलाहार करते हैं। ऐसे में फलों की डिमांड भी बढ़ जाती है। नवरात्र के एक दिन पूर्व से ही फलों की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। सार्वजनिक आयोजन पर लगी है रोक


कोरोना के चलते इस बार चैत्र नवरात्र पर गांवों में जसगीत, देवी जागरण सहित कई विविध धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगी हुई है। पुरूर के मौली माता मंदिर, जगतरा समिति दुर्गा मंदिर, कनेरी स्थित मां


काली मंदिर सहित आमदी, कुकरेल, भखारा, कोलियारी, भटगांव, सोरम, नवागांव, लोहरसी में मंदिर के पुजारी पूजा अर्चना कर रहे हैं।