
बिहार में 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग, राजद ने बताया 'ध्यान भटकाने की साजिश'
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पटना, 24 मई (आईएएनएस)। उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किए जाने के बाद बिहार में भी इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठाई गई। बिहार सरकार के मंत्री नीरज
कुमार बबलू ने इसकी वकालत की, तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सत्तारूढ़ सरकार को घेरते हुए तल्ख टिप्पणी की। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शुक्रवार को समाचार
एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह सब महज अपनी कुर्सी बचाने की कवायद है। सरकार अब विदाई की कगार पर है, इसलिए इस तरह के मुद्दों को उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।
वहीं, ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग पर सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की शौर्य, पराक्रम और वीरता की कहानी है, जिसे बच्चों को जरूर पढ़ाया जाना चाहिए। हमारे
देश में पहले भी महापुरुषों की गाथाएं बच्चों को पढ़ाई जाती रही हैं, चाहे वह वीर कुंवर सिंह, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह या चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारी हों। उनकी कुर्बानियों को शिक्षा
का हिस्सा बनाया गया। इसी तरह, ऑपरेशन सिंदूर को भी बच्चों को बताना चाहिए ताकि वे भारतीय सेना की वीरता को जान सकें। उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और इसका उद्देश्य अधूरा है। इस
पर अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम (सीजफायर) की बात सामने आई है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद सोशल मीडिया पर बताया है। इस मुद्दे पर पहले सवाल पूछे जाने चाहिए, इसका जवाब सरकार को देना
चाहिए। बता दें कि नीरज कुमार बबलू ने ऑपरेशन सिंदूर को बिहार के सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि हमारी सेना ने जो पराक्रम और शौर्य दिखाया, उसे आने वाली पीढ़ी को
जानना जरूरी है। ऐसे में इस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। बिहार के सभी स्कूलों और मदरसों में इसे पढ़ाया जाना चाहिए ताकि बच्चे सेना के पराक्रम को समझ सकें। --आईएएनएस
पीएसके/एबीएम Advertisment डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी
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