Coronavirus in india : कहर बनकर फिर लौटा कोरोना! 24 घंटे में 203 केस, 4 हुई मौतें

Coronavirus in india : कहर बनकर फिर लौटा कोरोना! 24 घंटे में 203 केस, 4 हुई मौतें


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CORONAVIRUS IN INDIA :  कोरोना वायरस एक बार फिर देश में धीरे-धीरे अपने पैर पसारता नजर आ रहा है. कुछ समय तक स्थिति नियंत्रण में रहने के बाद अब कोरोना के मामलों में अचानक से बढ़ोतरी देखने को


मिल रही है. हेल्थ मिनिस्ट्री की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मरीजों की संख्या अब बढ़कर 3961 हो चुकी है. वहीं, बीते 24 घंटे में कोरोना से चार लोगों की मौत


दर्ज की गई है. यह चार मौत दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल से हुई है. अब तक कुल देश भर में 32 मौतें हो चुकी हैं. इसमें सबसे ज्यादा चिंता की बात दिल्ली से सामने आई है, जहां 22 साल की एक


युवती की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस युवती को पहले से ही टीबी फेफड़ों की बीमारी और अन्य गंभीर रोग थे. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इसीलिए अस्पताल


में भर्ती करवाया गया जांच के बाद उसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.  Advertisment कितना खतरनाक है कोरोना का नया वैरिएंट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत


स्थापित भारतीय एसएआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, एनबी 1.8.1 और एलएफ .7 - देश में जेएन.1 कोविड वैरिएंट पाए गए. इन वेरिएंट के कारण कोरोना का मामलों में बढ़ोतरी


हो रही है. अब तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दोनों वेरिएंट को चिंताजनक नहीं बताया है. इन प्रकारों से जुड़े सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और


थकावट शामिल हैं. यद्यपि इन वेरिएंट में प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता हो सकती है, तथापि वर्तमान में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह बताए कि वे दीर्घकालिक गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं.


  भारत में कोरोना से कितनी चिंता की बात हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने देश को आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमण


गंभीर नहीं है. बहल ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार सक्रिय रूप से मामलों की निगरानी कर रही है. साथ ही, उन्होंने मामलों में वृद्धि की स्थिति में “सतर्कता बढ़ाने और तैयार रहने” की आवश्यकता पर बल


दिया.