
Ifcn's whatsapp chatbot is now available in hindi and ready to fight covid-19 hoaxes
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The International Fact-Checking Network’s COVID-19 WhatsApp chatbot will now be available in Hindi –– the world’s third most spoken language. The bot was first released in English, and
Spanish, but starting this Thursday, June 11, Hindi speakers will be able to access fact-checks in their native tongue. The translated version was made possible thanks to IFCN members in
India. Out of the 11 verified signatories to the Code of Principles, seven publish content in Hindi. Jagran Group’s fact-checking unit, Vishvas News, is one of them and took the lead to
coordinate the translation efforts. Today, the Hindi version offers content from Vishvas News, Fact Crescendo, India Today, Newschecker, Boom Fact Check, News Mobile and The Quint. The
database that feeds the system started with more than 250 fact-checks and will be updated daily – following the same structure that has been established for the English and the Spanish
chatbots. Since January, more than 80 fact-checking organizations from 74 countries have identified more than 6,600 hoaxes related to the novel coronavirus. All this information now forms
the CoronaVirusFacts database. IFCN’s bot is 100% free to use. Users should save +1 (727) 2912606 as a contact number and text the word “नमस्ते” to get the Hindi bot started. Alternatively,
they can click http://poy.nu/ifcnchatbotHI. The bot has a very simple, short, and numerical menu. Users will only need to text numbers to navigate through it. Read the press release in
Hindi: इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (IFCN) ने कोविड–19 के लिए हिंदी में वॉट्सऐप चैटबॉट लॉन्च किया गुरुवार, 11 जून: इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (IFCN) ने अपने वैश्विक फैक्ट चेकिंग
कोविड–19 वॉट्सऐप चैटबॉट का हिंदी संस्करण आज लॉन्च किया। यह सेवा पहले अंग्रेजी और स्पैनिश में ही उपलब्ध थी। इसे खासकर कोविड–19 महामारी के दौरान मिसइन्फॉर्मेशन से लड़ने के लिए तैयार किया गया
है। इसकी मदद से लोग आसानी से जान सकते हैं कि कोरोना वायरस से जुड़ी कोई जानकारी गलत है या नहीं। IFCN के समन्वय से चल रहे कोरोना वायरस फैक्ट अलायंस में शामिल स्वतंत्र फैक्ट चेकर्स की फैक्ट चेक
स्टोरी के जरिए यूजर को इसकी जानकारी होगी। भारत में वॉट्सऐप के 40 करोड़ से अधिक यूजर हैं। वहीं, 44 फीसदी लोग हिंदीभाषी हैं। इसी वजह से IFCN कोविड–19 से जुड़ी फर्जी खबरों के खुलासे के लिए
अपने वॉट्सऐप चैटबॉट को हिंदी में भी लेकर आया है। भारत में IFCN के 11 फैक्ट चेकिंग सदस्य हैं। इनमें से 7 संस्थान हिंदी में फैक्ट चेकिंग करते हैं। जागरण ग्रुप की फैक्ट चेकिंग यूनिट Vishvas
News उनमें से एक है और हिंदी वॉट्सऐप चैटबॉट का समन्वय कर रही है। इस हिंदी चैटबॉट पर विश्वास न्यूज, फैक्ट क्रेसेंडो, इंडिया टुडे, न्यूज चेकर, बूम फैक्ट चेक, न्यूज मोबाइल और द क्विंट की तरफ से
किए गए फैक्ट चेक मिलेंगे। हिंदी के इस चैटबॉट के डाटाबेस की शुरुआत 250 से अधिक फैक्ट चेक खबरों से हो रही है। अंग्रेजी और स्पैनिश चैटबॉट की तरह ही इसे भी रोजाना अपडेट किया जाएगा। जनवरी से
लेकर अबतक 74 देशों के 80 से अधिक फैक्ट चेकिंग संस्थानों ने नोवल कोरोना वायरस से जुड़ी 6000 से अधिक फर्जी, भ्रामक खबरों का खुलासा किया है। ये सारी सूचनाएं मिलकर कोरोना वायरस फैक्ट डाटाबेस
बनाती हैं। IFCN का बॉट इस्तेमाल के लिए पूरी तरह मुफ्त है। यूजर्स को +1 (727) 2912606 नंबर कॉन्टैक्ट में सेव करना होगा। हिंदी चैटबॉट को शुरू करने के लिए वॉट्सऐप में इस नंबर पर ‘नमस्ते’ टाइप
करके भेजना होगा। इसके अलावा http://poy.nu/ifcnchatbotHI इस लिंक पर क्लिक कर भी हिंदी चैटबॉट को शुरू किया जा सकता है। यह चैटबॉट इस्तेमाल में काफी आसान, छोटा और नंबरों पर आधारित मेन्यू वाला
है। इसपर नेविगेट करने के लिए यूजर को केवल नंबर टाइप कर भेजने होंगे। IFCN के डायरेक्टर बेबर्स ओरसेक ने कहा, ‘हर महीने अरबों यूजर्स अपने दोस्तों और परिवार के संपर्क में रहने के लिए वॉट्सऐप पर
भरोसा करते हैं। हालांकि, बुरे तत्व हर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल झूठ और भ्रम फैलाने के लिए करते हैं। ऐसे समय में फैक्ट चेकर्स का काम पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। जनवरी से ही IFCN का
कोरोना वायरस फैक्ट अलायंस फैक्ट चेकिंग समुदाय की क्षमताओं का इस्तेमाल कर कोविड–19 महामारी से जुड़ी फर्जी खबरों का सच बता रहा है। IFCN का नया हिंदी चैटबॉट यूजर्स को फैक्ट चेक खोजने और अपने
स्मार्टफोन के जरिए फैक्ट चेकर्स से जुड़ने का मौका देगा। चैटबॉट लोगों को उनकी स्थानीय फैक्ट चेकर्स वेबसाइट तक पहुंचने का रास्ता भी देगा।’ वॉट्सऐप के पब्लिक पॉलिसी मैनेजर और ग्लोबल इलेक्शन हेड
बेन सपल ने कहा, ‘वॉट्सऐप ने हाल में ही में Poynter के IFCN को एक अनुदान दिया था। यह दुनियाभर में कोविड–19 से जुड़ी मिसइन्फॉर्मेशन से लड़ने में जुटे उनके वेरिफाइड फैक्ट चेकर्स के महत्वपूर्ण
कार्यों को सहयोग करने के लिए दिया गया है। हमें खुशी है कि वॉट्सऐप यूजर्स के लिए इस महत्वपूर्ण सर्विस के लॉन्च होने से हम IFCN के इस जरूरी फैक्ट चेकिंग काम को सहयोग देने में सक्षम हो गए हैं।
दुनियाभर में अब 40 से अधिक IFCN वेरिफाइड फैक्ट चेकर्स अपने देशों में लोगों को कोरोना वायरस से जुड़ी फर्जी खबरों से बचाने के लए वॉट्सऐप बिजनेस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ यहां ये जानना जरूरी
है कि IFCN का बॉट वॉट्सऐप यूजर्स तक फैक्ट चेक को पहुंचाने का एक आसान जरिया है। ये यूजर्स को कोरोना वायरस से जुड़ी फर्जी खबरों के खुलासे वाले डाटाबेस से फैक्ट चेक सर्च करने का रास्ता भी देता
है। IFCN बॉट डायरेक्ट्री में लिस्टेड वेरिफाइड फैक्ट चेकर्स केवल सीधे उन्हें भेजे गए मैसेज ही देख सकते हैं। वे वॉट्सऐप पर दूसरे मैसेज देख, मॉनिटर या डिलीट नहीं कर सकते, क्योंकि वॉट्सऐप पर
सारे मैसेज प्राइवेट हैं और इंड–टू–इंड इनक्रिप्शन की मदद से सुरक्षित हैं। इंड–टू–इंड इनक्रिप्शन का मतलब ये होता है कि केवल मैसेज भेजने और रिसीव करने वाला ही उसके कंटेंट देख सकता है, दूसरा कोई
नहीं, यहां तक की वॉट्सऐप भी नहीं। IFCN चैटबॉट को वॉट्सऐप बिजनेस एपीआई पर Turn.io तकनीक का इस्तेमाल कर बनाया गया है। यह वॉट्सऐप इम्पैक्ट टूल है। Turn सोशल इम्पैक्ट टीम को पर्सनलाइज्ड सपोर्ट
को मैनेज और स्केल करने में मदद करता है। वॉट्सऐप बिजनेस एपीआई के साथ इंटिग्रेट होकर Turn सोशल इम्पैक्ट टीम को जीवन को बेहतर बनाने वाले व्यक्तिगत और निर्देशित वार्तालाप में मदद करता है।
Turn.io के सह संस्थापक गुस्ताव प्रेकेल्ट ने कहा, ‘भ्रामक खबरें जरूरी स्वास्थ्य सपोर्ट के रास्ते से हटा सकती हैं और बुरी स्थिति में ये उस व्यवहार को भी जन्म दे सकती हैं जो रोग के फैलाव को
बढ़ाता है। अभी भी कोविड–19 से जुड़ी कई चीजों का पता नहीं लग सका है। ऐसी स्थिति में चुनौती और बड़ी हो जाती है, क्योंकि वायरल अटकलें हमारे पास मौजूद सटीक जानकारी को भी आसानी से दबा सकती हैं।
वॉट्सऐप और IFCN के सहयोग से यह सर्विस प्रदान करना वास्तविक समय में विभिन्न देशों, समुदायों और नागरिकों के लिए एक अमूल्य सेवा जैसा है। इससे वो न केवल वो फैक्ट चेक या सवालों को जान पाएंगे,
बल्कि झूठी खबरों के खुलासे में अपनी भूमिका भी अदा कर पाएंगे।’