
Maharashtra: उद्धव ठाकरे vs एकनाथ शिंदे - दोनों के पास अब क्या विकल्प बचे हैं?
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जब तक 'विद्रोही' शिवसेना विधायक अपनी पार्टी से इस्तीफा नहीं देते या पार्टी व्हिप के खिलाफ वोट नहीं देते, उन्हें दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है. यदि
इनमें से कोई भी बात होती है, तो डिप्टी स्पीकर नरहरि जीरवाल को स्थिति की जांच करनी होगी और तय करना होगा कि क्या उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. चूंकि महाराष्ट्र में अभी स्पीकर नहीं है
यहां यह काम डिप्टी स्पीकर नरहरि जीरवाल करेंगे. याद रहे कि दलबदल पर स्पीकर का निर्णय 'न्यायिक समीक्षा' के अधीन है लेकिन कानून में इसकी कोई एक समय सीमा नहीं है जिसके भीतर स्पीकर को
दलबदल मामले का फैसला देना होता है.