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त्रित्व पर चिंतन विभाजन से उपर उठने में मददगार, फा. कांतालामेस्सा - वाटिकन न्यूज़
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आगमन काल में तैयारी हेतु उपदेशक फादर रनियेरो कांतालामेस्सा ने पवित्र त्रित्व पर चिंतन करते हुए प्रवचन दिया। माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी वाटिकन सिटी, शनिवार 15 दिसम्बर 2018 (रेई) :
शुक्रवार 14 दिसम्बर को वाटिकन के प्रेरितिक आवास के “रेडेम्टोरिस मातेर” प्रार्थनालय में उपदेशक कपुचिन फादर रानिएरो कांतालामेस्सा ने परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के कर्मचारियों, रोम के विकर
एवं सहायक धर्माध्यक्षों के लिए प्रवचन दिया। संत पापा फ्राँसिस भी उपस्थित थे। उपदेश में कपुचिन फादर कांतालामेस्सा ने ‘पवित्र त्रित्व की समानता’ पर चिंतन किया। उन्होंने कहा कि पवित्र त्रित्व
उस त्रिकोण वाद्य यंत्र की तरह है जो हर पक्ष से समान ध्वनि उत्पन्न करती है। इस "त्रित्व का राज" यह है कि पिता ईश्वर, पुत्र ईश्वर और पवित्र आत्मा ईश्वर, तीनों "एक दूसरे की महिमा
में लगे हुए हैं।" फादर ने कहा,"दुनिया में केवल एक ही जगह है जहां 'अपने पड़ोसी से अपने जैसा प्यार' करने के नियम का पूरी तरह से पालन किया गया है और यह पवित्र त्रित्व में
है!" रुबलेव द्वारा निर्मित त्रित्व का आइकन फादर कांतालामेस्सा ने त्रित्व के सभी प्रतिरुपों के मॉडल अंद्रेइ रुबलेव द्वारा चित्रित ‘त्रित्व के आइकन’ की ओर सभी लोगों का ध्यान आकर्षित कराया
जिसे सन् 1425 में पुनः प्रेरितिक आवास के “रेडेम्टोरिस मातेर” प्रार्थनालय में मोसाइक किया गया। उन्होंने कहा, “त्रित्व का सिद्धांत, इस तथ्य से व्यक्त किया गया है कि "त्रित्व का
प्रतिनिधित्व करने वाले तीन अलग व्यक्ति हैं लेकिन एक-दूसरे के साथ मिलते-जुलते हैं।और वे एक वृत के अंदर हैं जो उनकी एकता को प्रकट करता है। "आइकन मौन रुप से यह संदेश देता है,"एक बनें
जैसा हम एक हैं।" त्रित्व और एकता उपदेशक ने कहा,“त्रित्व हमें एकता का सही मार्ग दिखाता है। किसी को भ्रमित किए बिना, तीन व्यक्ति एक साथ हैं। प्रत्येक व्यक्ति 'दूसरे के साथ'
पहचाना जाता है, वह खुद को दूसरे को देता है, और दूसरे के अस्तित्व को बनाए रखता है।" फादर ने कहा कि सभी लोग एकता चाहते हैं पर दिली तमन्ना होते हुए भी एकता हासिल करना इतना मुश्किल क्यों
है? "हमारी समस्या यह है कि मेरे सामने वाला व्यक्ति बिल्कुल वही काम करता है जो मैं करता हूँ। अगर हम इसी तरह करते रहें तो कभी एकता हासिल नहीं होगी। हमें एकता के अर्थ को समझने की आवश्यकता
है।" विभाजन से ऊपर उठने की आवश्यकता फादर कांतालामेस्सा ने कहा कि पवित्र त्रित्व "एक जीवित और जीवंत वास्तविकता है," यह प्रेम की पूर्ण अभिव्यक्ति है: "हर दिव्य व्यक्ति
दूसरों को अपने जैसा ही प्यार करता है। पवित्र त्रित्व पर चिंतन हमें 'दुनिया के घृणित विभाजन' को दूर करने में मदद करता है। कलीसिया के सिद्धातों या प्रेरितिक प्रश्नों पर हमारे विचार
भिन्न हो सकते हैं जिसे अभी भी कलीसिया में वैध रूप से बहस की जाती है- लेकिन हमें कभी भी दिलों को विभाजित नहीं करना चाहिए। त्रित्व की एकता का अनुकरण करने का अर्थ ‘अनेकता में एकता’ है। त्रित्व
में सहभागिता फादर ने अपने प्रवचन को अंत करते हुए कहा कि पवित्र त्रित्व में सहभागी होने के लिए प्रभु येसु ने एक मार्ग दिखाया है और वह है पवित्र यूखारिस्त में हमारी सहभागिता। पवित्र यूखारिस्त
समारोह में येसु का वचन “मैं उनमें रहूँ और तू मुझमें” (योहन 17.23) हमें पवित्र त्रित्व से संयुक्त होने की कृपा प्रदान करता है।