
छाया कोहरा थमे ट्रेनों और वाहनों के पहिए
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शहर में सुबह-सुबह उठने वालों को नजर नहीं आए पड़ोसियों के भी घर इस सीजन में पहली बार बुधवार को पड़ी कोहरे की जबरदस्त मार ALLAHABAD: इस सीजन में बुधवार को पहली बार इलाहाबाद जिले में कोहरे की
मार पड़ी। नतीजा ये हुआ कि एक तरफ जहां ट्रेनों की रफ्तार पर बे्रक लगा तो दूसरी ओर हाईवे पर भी वाहनों के पहिए थम गए। जीरो विजिविलिटी के कोहरा से डरे चालकों ने रोड से किनारे वाहन खड़े कर दिए और
तब तक आगे नहीं बढ़े जब तक कोहरा कम नहीं हो गया। उधर, रात में सोए लोग भोर में उठे तो हालात ये थे कि उन्हें पड़ोसियों के घर भी नजर नहीं आ रहे थे। ये हालात सुबह 09 बजे तक रहा। पुल पर आवागमन
रहा ठप बुधवार को कोहरे के कारण ग्रामीण इलाकों से शहर की ओर आने वाले वाहन सुबह दस बजे तक गायब रहे। इसके बाद ही शास्त्री ब्रिज, नये यमुना पुल और नैनी से सिटी की ओर आने वाले वाहन नजर आए। सिविल
लाइन बस अड्डे पर भी सुबह 09 बजे तक सन्नाटा पसरा रहा। ये तो होना ही था इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के प्रो। एआर सिद्दकी ने बताया कि 25 दिसम्बर से पहले कोहरा छाना ही था।
सुबह, शाम और रात्रि में ठंड पड़ रही थी। इस दौरान हल्की शीतलहरी भी महसूस होने लगी थी। बावजूद इसके दिन में पूरी धूप खिल रही थी। गर्माहट और नमी के मिश्रण से कोहरे का बनना स्वाभाविक है। उन्होंने
बताया कि जब जब दिन में धूप खिलेगी, अगले दिन घना कोहरा देखने को मिलेगा। सुबह के समय विजिबिलिटी काफी लो हो गई थी। कोहरे के चलते गली में भी दूर तक देख पाना मुश्किल था। अभी कुछ दिन ऐसे हालात
बने रहेंगे। यातायात की दृष्टि यह सतर्कता बरतने का समय है। प्रो। एआर सिद्दकी, ज्योग्राफी डिपार्टमेंट एयू सुबह के समय ठंड तो ज्यादा नहीं रही। लेकिन कोहरा बहुत ही ज्यादा घना था। इससे सुबह के
समय बाहर निकलकर कोई काम नहीं किया जा सका। प्रमिला तिवारी, खुल्दाबाद मुझे अक्सर सुबह के समय यमुनापार की ओर निकलना होता है और काम निपटाकर दोपहर तक वापस आना होता है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
मुकेश सिंह, दारागंज हमें स्कूल जाने में सुबह के समय दिक्कत हुई। ट्राली वाला धीमे धीमे ट्राली चला रहा था। इससे स्कूल पहुंचने में समय लगा और पहली क्लास भी नहीं चल सकी। मोहन गुप्ता, पांचवी
कक्षा के छात्र हमें मंडी में सब्जी की दुकान लगानी होती है। लेकिन इसके लिये जरूरी है कि सुबह के समय सही समय पर माल मिल जाये। लेकिन गाड़ी ही समय पर नहीं आई। इससे दुकान भी नहीं लग सकी। शिव
प्रसाद, सब्जी के दुकानदार, ओल्ड कैंट बॉक्स धीमी हुई ट्रेनों की रफ्तार मौसम बदलने के साथ ही कोहरे का कहर शुरू हो गया है, जिसका असर बुधवार को दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों पर दिखाई। अप और डाउन
लाइन की कई ट्रेनें घंटों लेट रहीं। मेरठ से आने वाली संगम एक्सप्रेस करीब पांच घंटे की देरी से इलाहाबाद पहुंची। 12582 नई दिल्ली-मंडुवाडीह सुपरफास्ट एक्सप्रेस- 3 घंटा 12561 जयनगर-नई दिल्ली
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 7 घंटा 12562 नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 7 घंटा 12311 कालका मेल 3 घंटा 12423 डिब्रुगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस 11.30 14056 ब्रह्मापुत्र मेल-
छह घंटा 14164 संगम एक्सप्रेस 5 घंटा 22104 एलटीटी एक्सप्रेस 8 घंटा 12487 जोगबनी-आनंद विहार सुपरफास्ट एक्सप्रेस- 5.30 घंटा 15601 सिकंदराबाद-नई दिल्ली एक्सप्रेस 14.17 घंटा 14056 ब्रह्मापुत्र
मेल 10 घंटा 12505 नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस 9.30 घंटा 15159 सारनाथ एक्सप्रेस 5 घंटा